तोमर ने फर्जी डिग्री का मामला विशेष अदालत से स्थानांतरित करने का अनुरोध किया

नई दिल्ली; 04 सितंबर । दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उनके खिलाफ फर्जी डिग्री मामले की सुनवाई विशेष अदालत नहीं कर सकती क्योंकि 2015 में विधानसभा चुनाव में उनके निर्वाचन को खारिज कर दिया गया। तोमर ने कहा कि चूंकि उच्च न्यायालय ने 17 जनवरी को उनके निर्वाचन को अमान्य करार दिया इसलिए उनके मामले की सुनवाई का अधिकार क्षेत्र सामान्य अदालत के पास है। इसलिए; हौज खास थाना क्षेत्र की अदालत में ही उनके मामले की सुनवाई हो सकती है। न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी के सामने यह दलील दी गयी। वह आपराधिक शिकायत स्थानांतरित करने के संबंध में जिला और सत्र न्यायाधीश -सह- विशेष न्यायाधीश सुजाता कोहली से मिले संदर्भ के बाद सुनवाई कर रहे थे। उच्च न्यायालय मामले पर अब दो नवंबर को सुनवाई करेगा। उच्च न्यायालय ने 17 जनवरी के अपने आदेश में आम आदमी पार्टी के नेता तोमर के 2015 में निर्वाचन को ‘अमान्य’ करार दिया था। नामांकन पत्र में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में झूठी जानकारी देने के लिए उनका निर्वाचन अमान्य करार दिया गया। सुनवाई के दौरान तोमर की ओर से पेश वकील कुश शर्मा ने कहा कि सांसदों-विधायकों के मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत के समक्ष मामले को नहीं रखा जा सकता क्योंकि उनके निर्वाचन को खारिज कर दिया गया और वह विधायक नहीं है। उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता नंद किशोर गर्ग की याचिका पर जनवरी में फैसला सुनाया था। गर्ग ने आरोप लगाया था कि तोमर ने 2015 में त्रिनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव के दौरान अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत हलफनामा दिया।