नई दिल्ली। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रबंधकों के खिलाफ ‘जागो’ पार्टी दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को शिकायत देगी। पार्टी के महासचिव व मुख्य प्रवक्ता परमिंदर पाल सिंह ने मीडिया को जारी ब्यान में दावा किया कि कमेटी प्रबंधन स्टाफ को समय पर वेतन देने में असफल रहने के बाद अब अदालतों में झूठ बोलने तथा स्टाफ के मौलिक अधिकारों को कुचलने की रणनीति पर उतर आया हैं।
परमिंदर ने बताया कि कमेटी की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में गुरु हरिक्रिशन पब्लिक स्कूल लोनी रोड के स्टाफ द्वारा 21 सितंबर से शुरू किए गए अनिश्चितकाल धरने को समाप्त करवाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी लगाई गई थी। जिसमें कमेटी की तरफ से दावा किया गया हैं कि कमेटी ने आर्थिक तंगी के बावजूद लोनी रोड स्कूल को 25 करोड़ रुपये एडवांस दिए है। साथ ही कमेटी ने अपनी अर्जी में दलील दी हैं कि 17 जुलाई 2020 को गुरु हरिक्रिशन पब्लिक स्कूल स्टाफ वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से पेश हुए वकील हरीशंकर कनौजिया ने सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को मौखिक भरोसा दिया था कि स्टाफ भविष्य में धरना या हड़ताल नहीं करेगा।
लेकिन उसके बावजूद स्कूल के बाहर धरना दिया जा रहा है, इसलिए स्टाफ को धरना खत्म करने के लिए कहा जाए। परमिंदर ने हैरानी जताई कि एक तरह पंजाब में अकाली दल धरनों की सियासत के जरिए पंजाब में 2022 में सरकार बनाने की कोशिश में हैं और दूसरी तरफ स्टाफ को धरना/प्रदर्शन करने के संविधान से मिले मौलिक अधिकारों को कुचलने के लिए अदालतों में गुहार लगा रहा है। परमिंदर ने खुलासा किया कि हमारी जानकारी अनुसार लोनी रोड स्कूल को सिरसा-कालका के समय कोई पैसा नहीं दिया गया है, पर अदालत को गुमराह करने के लिए 25 करोड़ रुपये देने का झूठ बोला गया है।
इसलिए जब सोमवार 28 सितंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई तो स्टाफ एसोसिएशन के वकीलों ने कमेटी के दावे की हवा निकाल दी। जिस वजह से कमेटी धरना समाप्त करवाने का जस्टिस ज्योति सिंह से आदेश नहीं ले पाई।
लेकिन कोर्ट ने दिल्ली शिक्षा निदेशालय की तरफ से पेश हुई वकील अविनाश अहलावत को कमेटी और स्टाफ के बीच मध्यस्थता करने की विनती करके 8 अक्टूबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया है। परमिंदर ने कहा कि यह कमेटी की नैतिक हार है, क्योंकि इतना बड़ा झूठ बोलने के बावजूद धरने को रोकने में यह असफल रहें हैं।