लॉकडाउन में भी हिंडन और अधिक हुई प्रदूषित

गाजियाबाद; 04 सितंबर । हिंडन में घुलनशील आक्सीजन की मात्रा का स्तर 2एमजी/1 से घटकर करीब आधा रह गया है। यह हिंडन नदी की दुर्दशा और गिरते हुए स्वास्थ का परिचायक है। कुछ ऐसी ही स्थिति ऐसे ही बायोकेमिकल आक्सीजन मांग यानी बीओडी और कैमिकल आक्सीजन मांग यानी सीओडी का स्तर करीब 3 गुने से ज्यादा बढ़ जाना इस बात का प्रतीक है की हिंडन के पानी में प्रदूषण युक्त उत्सर्जन किया गया है। यह कहना है आरडब्ल्यूए के चेयरमैन कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी का। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को पत्र लिख कर यह सवाल किया है कि कोरोना काल में फैक्ट्रियों के बंद होने के कारण गंगा-यमुना एवं अन्य नदियों के पानी की गुणवत्ता सुधरी है लेकिन हिंडन के पानी की गुणवत्ता और खराब हुई है। इसका क्या कारण है। घुलनशील आक्सीजन का स्तर का घटना और बीओडी-सीओडी के स्तर का बढ़ना इस बात का प्रतीक है कि कोरोना काल में दिशा निर्देशों के बावजूद प्रदूषण फैलाने वाली फेक्टरिया चलती रही। यह प्रदूषण नियंत्रण विभाग के संज्ञान के बिना असंभव है। कर्नल त्यागी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मांग की है कि हिंडन के प्रदूषण की स्थिति को सुधारने के लिए तुरंत कार्यवाही की जाए अन्यथा वे अदालत जाने को बाध्य होंगे।