शुक्रवार को हुई मीटिंग के बाद नॉर्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग-उन ने न्यूक्लियर टेस्ट साइट बंद करने का फैसला किया है। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन से मुलाकात के दौरान, किम ने कहा कि वह अगले महीने यानी मई में देश की न्यूक्लियर टेस्ट साइट को बंद कर देंगे। यह घोषणा महत्वपूर्ण है क्योंकि कोरिया संकट की मुख्य वजह परमाणु कार्यक्रम रहा है।
‘मैं ऐसा शख्स नहीं जो US पर मिसाइल दागूंगा’
मून के प्रवक्ता ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि शिखर वार्ता में किम जोंग उन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ होने वाली मीटिंग पर भी चर्चा की और कहा कि इससे ट्रंप को समझ में आ जाएगा कि वह ऐसे इंसान नहीं हैं जो अमेरिका की तरफ मिसाइल दागेंगे।
आपको बता दें कि अगले महीने या फिर जून में उत्तर कोरिया और अमेरिका के नेताओं के बीच मीटिंग होने वाली है, जिसकी तैयारियां जोरों पर हैं। इसके बारे में किम के हवाले से मून के प्रवक्ता ने कहा, ‘एक बार हम बात करना शुरू करेंगे तो अमेरिका और ट्रंप को पता चल जाएगा कि दक्षिण कोरिया, पसिफिक या अमेरिका में मिसाइल दागने वाला इंसान मैं नहीं हूं।’
‘परमाणु हथियार रख मुश्किल में जीने का शौक नहीं’
इस मुलाकात के दौरान किम ने कहा, ‘अगर हम अमेरिका के साथ लगातार मीटिंग करते हैं, आपसी विश्वास बनाए रखते हैं और युद्ध को खत्म करने के साथ-साथ अतिक्रमण या एक-दूसरे से छेड़छाड़ न करने पर सहमति का वादा करते हैं, तो फिर भला हमें परमाणु हथियार रखकर कठिनाई में जीने की क्यों जरूरत पड़ेगी?’
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच हुई इस शिखर वार्ता का नतीजा सकारात्मक रहा है। बता दें कि इससे पहले दोनों देशों के बीच 2000 और 2007 में शिखर वार्ता हुई थी, लेकिन उस दौरान हुए समझौतों का कुछ नतीजा नहीं निकला था।
न्यूक्लियर टेस्ट साइट बंद करने की क्या है वजह?
उत्तर कोरिया का यह फैसला बेहद चौंकाने वाला है क्योंकि कुछ दिनों पहले तक वह लगातार परमाणु परीक्षण कर रहा था, लेकिन अब उसने अचानक न्यूक्लियर टेस्ट साइट बंद करने का ऐलान कर दिया है। इसके पीछे कई वजहें मानी जा रही हैं। कहा जा रहा है कि ट्रंप के साथ मुलाकात को देखते हुए उत्तर कोरिया ने न्यूक्लियर टेस्ट और अन्य मिसाइलों के लॉन्च को रोकने का फैसला किया है।
बता दें कि परमाणु परीक्षण प्रोग्राम बंद करने को लेकर अमेरिका का उत्तर कोरिया पर काफी दबाव था। उत्तर कोरिया पिछले कई सालों से अमेरिका पर परमाणु मिसाइल से हमला करने की कोशिश में था। इस साल जनवरी में अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने भी इस बात की चिंता जताई थी कि जिस तरह से उत्तर कोरिया पर दबाव बनाया जा रहा है, उससे वह अमेरिका पर एक महीने में परमाणु मिसाइल से हमला कर सकता है। एजेंसी ने तब यह भी कहा था कि अगर अमेरिका पर परमाणु हमले की किम जोंग की क्षमता को सीमित करने की कोशिश की गई तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
क्या किम के राज में डरा अमेरिका?
परमाणु कार्यक्रम को लेकर उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच कई बार जुबानी जंग भी हुई, जिसकी वजह से तनाव इतना बढ़ गया कि अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर कई प्रतिबंध भी लगाए। गौरतलब है कि किम जोंग उन के शासनकाल में उत्तर कोरिया ने अपने हथियार कार्यक्रमों में जिस तेजी से तकनीकी प्रगति की है, उसकी वजह से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, अमेरिका, यूरोपीय संघ, दक्षिण कोरिया और अन्य इसके खिलाफ खड़े हो गए। हालांकि अब उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण स्थल को बंद करने के हैरानी भरे फैसले ने अमेरिका समेत पूरी दुनिया को थोड़ा सुकून दिया है।