चीन के BRI प्रॉजेक्ट के विरोध में उतरे यूरोप के देश

चीन में यूरोपियन यूनियन (EU) के 28 राजदूतों में से 27 ने चीन के बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की निंदा करते हुए कहा है कि इससे मुक्त व्यापार पर बुरा असर पड़ेगा और चीन की कंपनियों को गैर वाजिब फायदा मिलेगा। इन राजदूतों की ओर से तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि EU के ट्रेड के लिए उदार नियम बनाने के एजेंडा को BRI से नुकसान होगा और सब्सिडी प्राप्त करने वाली चीन की कंपनियों के पक्ष में स्थितियां बनेंगी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अभी यूरोप के दौरे पर हैं और वह भारत को यूरोप के एक प्रमुख सहयोगी के तौर पर पेश कर रहे हैं। पिछले दिनों भारत ने भी देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का हवाला देकर इस प्रॉजेक्ट का विरोध किया था।

यह रिपोर्ट जुलाई में होने वाले EU-चीन समिट की तैयारियों के हिस्से के तौर पर जारी की गई है। यूरोपियन कमिशन BRI को लेकर EU की एक साझा स्थिति बनाने पर काम कर रहा है। BRI छह इकनॉमिक कॉरिडोर में 65 देशों से गुजरेगा। पिछले साल मई में पेइचिंग में हुए पहले BRI समिट में EU ने चीन के साथ BRI ट्रेड डॉक्युमेंट पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था।

BRI पर EU के राजदूतों की रिपोर्ट में हंगरी के राजदूत शामिल नहीं हैं क्योंकि उनके देश को BRI से फायदा मिलना है। EU के ऑफिशल्स का कहना है कि यूरोप को चीन के साथ सहयोग करने से मना नहीं करना चाहिए और यूरोप को अपनी शर्तें रखनी चाहिए। भारत की तरह यूरोप में भी BRI को लेकर आशंकाएं हैं।

भारत कर चुका है विरोध
भारत ने हाल ही में BRI को लेकर अपना रवैया दोहराते हुए कहा था इसमें शामिल चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) से भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था, ‘कोई भी देश ऐसे प्रॉजेक्ट को स्वीकार नहीं कर सकता जो संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर उसकी प्रमुख चिंताओं को नजरअंदाज करता है। हमारा मानना है कि कनेक्टिविटी से जुड़ी कोशिशें वैश्विक स्वीकृति वाले नियमों, कानून के शासन, पारदर्शिता और समानता पर आधारित होनी चाहिए।’

BRI प्रॉजेक्ट्स के लिए चीन की कंपनियों को फायदा का भी EU विरोध कर रहा है। EU के अधिकारियों का कहना है कि इस प्रॉजेक्ट में सभी सहभागियों के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए। जर्मनी के बड़े बिजनस ग्रुप सीमेंस के CEO, जो काइजर ने जनवरी में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में कहा था, ‘चीन का ‘वन बेल्ट बन रोड’ प्रॉजेक्ट नया वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन होगा- चाहे हम इसे पसंद करें या नहीं।’

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले सप्ताह कहा था कि विदेश के कुछ लोगों का यह दावा गलत है कि BRI चीन का एक षड़यंत्र है।