“भारत के इस मित्र राष्ट्र में चुनाव भी भारत के ही अंदाज में हो रहे हैं “

इजरायल में मंगलवार को आम चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। कहने को तो यह दुनिया के एक देश में होनेवाला आम सा चुनाव है, लेकिन ध्यान से देखने पर पता चलेगा कि इसमें भारतीय लोकसभा चुनाव की भी झलक है। वहां के मौजूदा पीएम खुद को मोदी की तरह ‘चौकीदार’ बताते हैं। दोनों देशों के चुनाव में आतंकवाद ही ऐसा मुद्दा है जिसपर मौजूदा सरकारें ‘खेल’ रही हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत के इस मित्र राष्ट्र में चुनाव भी भारत के ही अंदाज में हो रहे हैं।

भारत में चुनाव नरेंद्र मोदी के इर्द-गिर्द लड़ा जा रहा है, वहीं इजरायल में ऐसी ही इमेज वाले बेंजामिन नेतन्याहू हैं। इतना ही नहीं जहां भारत में मोदी खुद को चौकीदार बता रहे हैं, वहीं इजरायल में नेतन्याहू अपने आप को ‘मिस्टर सिक्यॉरिटी’ कहते हैं। मोदी की तरह नेतन्याहू के लिए भी यह मुकाबला आसान नहीं है, लेकिन दोनों को ही फिर से सरकार बनाने का भरोसा है। भारत और इजरायल में आम चुनावों के लिए वोटिंग भी लगभग आसपास हो रही है। जहां इजरायल में 9 अप्रैल को मतदान हुआ वहीं भारत में 11 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होगा। इतना ही नहीं इजरायल का चुनाव प्रचार भी कुछ-कुछ भारत के स्टाइल में हो रहा है।

किनके बीच मुकाबला
इजरायल की जनता कई सालों बाद इतने कड़े मुकाबले में मतदान कर रही है। प्रधानमंत्री और दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी के नेता बेंजामिन नेतन्याहू पांचवी बार प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। लेकिन उन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और उन्हें सेवानिवृत्त जनरल बेनी गैंट्ज से कड़ी टक्कर मिल रही है। ब्ल्यू ऐंड वाइट गठबंधन के प्रमुख गैंट्ज, नेतन्याहू को सुरक्षा के प्रमुख मुद्दे पर चुनौती दे रहे हैं और साफ-सुथरी राजनीति का वादा कर रहे हैं। इसे ऐसे समझें कि जैसे भारत में एनडीए (बीजेपी और अन्य दल) का मुकाबला महागठबंधन समेत अन्य पार्टियों से है। ऐसे ही नेतन्याहू को सीधी टक्कर लेफ्ट पार्टियों के गठबंधन से मिल रही है।

इजरायल की संसद में कुल 120 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए पार्टी को कम से कम 3.25 प्रतिशत वोट मिले होने चाहिए। फिर चुनाव के बाद वहां के राष्ट्रपति उस उम्मीदवार को सरकार बनाने के लिए बुलाते हैं जो गठबंधन करके सरकार बनाने में सक्षम है। यह सारी प्रक्रिया 28 दिनों के अंदर कर ली जाती है। बता दें कि इजरायल के इतिहास में कोई पार्टी पूर्ण रूप से बहुमत में नहीं आई है।

इतिहास रचने की दहलीज पर दोनों देश के पीएम
अगर नेतन्याहू इसबार जीतकर पीएम बन जाते हैं तो इजरायल के इतिहास में सबसे ज्यादा लंबे वक्त तक कुर्सी पर रहनेवाले पीएम होंगे। ऐसा करके वह इजरायल के जनक कहे जानेवाले डेविड बेन से आगे निकल जाएंगे। वहीं दूसरी तरफ एक पीएम मोदी जीतते हैं तो वह सबसे लंबे वक्त तक पीएम रहनेवाले गैर कांग्रेसी पीएम होंगे।