देश के चुनिंदा 13 लोगों के आईफोन हैक, रूसी ई-मेल और डोमेन का हुआ इस्तेमाल

देश के 13 अतिविशिष्ट व्यक्तियों के आईफोंस पर पिछले तीन साल से एक मैलवेयर अटैक के जरिए यूजर्स का पर्सनल डाटा चुराया जा रहा है। यह आशंका कामर्शियल थ्रेट इंटेलिजेंस ग्रुप सिस्को टालोज ने जताई है। ऐसा माना जा रहा है कि उनके आईफोन में से मैसेज, व्हाट्सऐप, लोकेशन, चैट लॉग, तस्वीर और कांटेक्ट्स जैसी जानकारियां भी चुराई गई हैं।
हमलावर द्वारा इस्तेमाल किए गए व्यक्तिगत डिवाइस में एक ही फोन नंबर साझा किया गया है जो भारत में वोडाफोन नेटवर्क में पंजीकृत है। टैलोस इंटेलिजेंस ब्लॉग पर दो विशेषज्ञों ने खुलासा किया कि साइबर हमलावर ने 13 डिवाइसों तक पहुंचने के लिए ओपन सोर्स मोबाइल डिवाइस मैंनेजमैंट सिस्टम (एमडीएम) को तैनात किया था।

ग्रुप का कहना है कि हैकिंग अगस्त, 2015 से हो रही है। यह 13 आईफोन किन्हीं विशिष्ट व्यक्तियों के भी हो सकते हैं। हालांकि ये 13 लोग कौन हैं, उनके नाम अभी सामने नहीं आ पाए हैं। सिस्को एक्सपर्ट्स की आशंका है कि आईफोंस में सेंध लगाने वाला भारत में हो सकता है, लेकिन उसने खुद को रूस का दिखाने की कोशिश की है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस पूरी गतिविधि में उसने रूसी नाम और रूस के ई-मेल डोमेन का इस्तेमाल किया है।

इसे अंजाम देने वालों के दो पर्सनल डिवाइसों में भारत की ही कंपनी के नेटवर्क के फोन नंबर का इस्तेमाल हुआ है। टालोज इंटेलिजेंस ब्लॉग में एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि आईफोन पर हमला करने वालों ने एक ओपन सोर्स मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया। इसकी मदद से 13 डिवाइसों तक पहुंच बनाई गई।

टालोज सिक्योरिटी के टेक्निकल लीडर वॉरेन मर्सर ने कहा कि अटैकर ने वैधानिक ऐप्स जैसे व्हाट्सऐप और टेलिग्राम में अलग से फीचर्स जोड़ने की एक निश्चित तकनीक का इस्तेमाल किया। फिर टारगेट किए गए 13 आईफोंस में मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट द्वारा इन्हें भेजा गया।

लिनक्स /यूनिक्स सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर्स की ऑनलाइन कम्यूनिटी निक्सक्राफ्ट ने टालोज के रिसर्ज को कोट करते हुए ट्वीट किया कि जिस तरह की तैयारी हुई और समय खर्च हुआ, उसे देखकर लगता है कि ये जरूर ही वीवीआईपीस के आईफोंस होंगे।