फिल्म इंडस्ट्री को नजर लग गई : शक्ति कपूर

वैसे तो यह साल पूरी दुनिया पर संकट लेकर आया है। कोरोना की वजह से दुनिया थम सी गई और यदि भारतीय सिनेमा जगत की बात करें तो पिछले दो महीने में छोटे-बडे पर्दे के करीब पचास कलाकार दुनिया को अलविदा कर गए जिस वजह इंडस्ट्री में एक अजीब सा माहौल बना हुआ है। हाल ही में युवा अभिनेता सुशांत सिंह की आत्महत्या से पूरा देश खासतौर पर बॉलीवुड जगत स्तब्ध है। हर किसी की अपने अंदाज में प्रतिक्रिया आ रही है। पिछले चार दशकों से बॉलीवुड में हर तरह का किरदार निभाने वाले इस अभिनेता इस घटना पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार शक्ति कपूर से एक्सक्लूसिव बातचीत के मुख्य अंश…

यदि सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की वजह वाकई डिप्रेशन तो इस पर आप क्या कहना चाहते हैं?

आत्महत्या की वजह अभी साफ नहीं हुई चूंकि अभी पुलिस घटना की जांच कर रही है और यदि वजह डिप्रेशन है तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन वो डिप्रेशन में किस वजह से गए यह बहुत गंभीर मामला है। वो एक कामयाब कलाकार था। मात्र 34 वर्ष की आयु में जितना कामयाबी उन्होनें पाई वो किसी भी कलाकार के बहुत है और इस उम्र में भी लोग करियर की शुरुवात करते हैं। सुंशात छोटे पर्दे से आए बेहद मंझे हुए कलाकार थे और अपनी मेहनत के दम पर बॉलीवुड में अपनी जगह बनाई जो बेहद काबिल-ए-तारिफ है तो, डिप्रेशन में क्यों गए यह समझना बेहद मुश्किल है। हाल ही में छिछोर व धौनी का बॉयोपिक पर बनी फिल्म से बडी कामयाबी मिली थी।

कंगना रनौत समेत कुछ कलाकारों का इशारा है कि बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद चलता है जिसकी वजह से उनको बड़ी फिल्में नहीं मिल रही थी।

भाई-भतीजा वाद का आरोप हर इंडस्ट्री में लगता है। मैं जब इंडस्ट्री में आया था तो मेरे खानदान में दूर-दूर तक कोई बॉलीवुड में नहीं था, ऐसे सैंकडों अन्य कलाकार और भी हैं। यदि ऐसा है तो हम लोग कैसे यहां तक पहुंच गए? इसके अलावा हर कोई अपने बच्चों व जानकारों के लिए कुछ करता है तो क्या गलत है। आप को कोई भी एक बारी प्रमोट कर सकता हैं यदि उसमें टेलेंट होगा और दर्शक उसे पसंद करेगें तो ही उसको आगे काम मिलेगा। यदि मैं चाहूं कि मेरी बेटी श्रद्धा को हर बडी फिल्म मिल जाए तो संभव नहीं है। यदि उसके काम में दम होगा तो उसको काम मिलेगा वरना नहीं मिलेगा। ऐसे तमाम कलाकारों के बच्चों की लिस्ट है। ऐसे आरोप सही नहीं मानता।

किसी कलाकार को बेहतर काम करने पर भी कोई अवार्ड नहीं व बालीवुड सितारों के बच्चों को फिल्म अच्छी नहीं होने पर कई अवार्ड मिलते हैं। छिछोरे एक बेहतर फिल्म को कोई अवार्ड नहीं?

किसी भी बात को समझने के कई नजरिये होते हैं। लेकिन हम क्या समझते समझते हैं यह केवल खुद की सोच पर निर्भर करता है। कई बार जिस फिल्म से हमें बहुत उम्मीद होती है वो नहीं चलती और जिससे बहुत ज्यादा अपेक्षा नहीं होती वो हिट कर जाती है। फिल्म की कहानी अच्छी होना अलग बात है और कलाकार की एक्टिंग अच्छी होना अलग। यदि अवार्ड की बात करें तो यहां भेदभाव की कोई गुंजाइश नहीं होती।

क्या आपको लगता है कि नई पीढ़ी के कलाकारों में जीवन के उतार-चढ़ाव को लेकर गुंजाइश कम है?

इस बात में कोई दोराय नहीं है कि इस भागती दुनिया में हर किसी को जल्दी है। इसके अलावा नई पीढ़ी को यह समझना चाहिए कि शोहरत व दौलत समय के साथ ही मिलते हैं और इसको संभालना भी बेहद मुश्किल काम है। इसके अलावा यदि आपको किसी भी प्रकार की परेशानी है तो अपने परिवार को जरुर बताएं। उनके हर बात शेयर करें। लेकिन जैसे बच्चे थोडे कामयाब होते हैं तो वह अपने आप को बहुत समझदार मानने लगते हैं और तर्जुबा कम होने की वजह से गलतियां कर बैठते हैं। मैं हमेशा अपने बच्चों को कहता हूं कि मुझसे हर छोटी से छोटी बात शेयर करो जिससे मैं समस्या को समझकर उसका हल निकाल पाऊं।

बॉलीवुड में पिछले कुछ ही दिनों में तमाम सितारे दुनिया को अलविदा कह गए। इस पर क्या कहेंगे?

यह साल तो हमारी इंडस्ट्री पर बहुत भारी है। लगातार फिल्मी सितारों की निधन की खबर सुनकर ऐसा लग रहा है कि हमारी इंडस्ट्री को किसी की काली नजर लग गई। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि यह संकट जल्द ही टल जाए। ऐसी खबरों से मन बहुत परेशान है। एक तो पहले से ही कोरोना की वजह से हालात ठीक नहीं दूसरा बॉलीवुड परिवार में लगातार हो रही मौतों से मन अशांत है। हमें छोडकर जाने वाले सभी साथियों की आत्मा को शांति मिले। सुशांत के परिवार को मेरी ओर सांत्वना।