कापसहेड़ा: एक इमारत से 42 लोग मिले कोरोना वायरस पॉजिटिव

राष्‍ट्रीय राजधानी से निजामुद्दीन मरकज जैसा एक और मामला सामने आया है। कापसहेड़ा की ‘ठेके वाली गली’ में स्थित एक इमारत में 41 लोगों को कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया है। एक साथ इतने लोगों के कोविड-19 पॉजिटिव मिलने से हड़कंप मच गया है। साउथ-वेस्‍ट दिल्‍ली के डीएम ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार, 19 अप्रैल को यहां के एक व्‍यक्ति के पॉजिटिव मिलने पर यह इमारत सील कर दी गई थी।

सबका लिया गया था सैंपल

डीसी ऑफिस के पास ठेके वालली गली है। यहां 18 अप्रैल को एक व्‍यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिला। इसके बाद पूरी इमारत सील कर दी गई। गाइडलाइंस 3 से ज्‍यादा केसेज मिलने पर इलाका सील करने की हैं मगर आबादी देखते हुए एक केस के बाद ही प्रशासन ने इमारत सील करने का फैसला ले लिया। यहां रहने वाले सभी लोगों का सैंपल लिया गया। जिन्‍हें जांच के लिए नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिस्‍ट्स (NIB नोएडा) भेजा गया था। शनिवार को जब रिपोर्ट आई तो प्रशासन के होश उड़ गए। कुल 41 लोग पॉजिटिव मिले हैं।

यहां रहती है बड़ी आबादी

कापसहेड़ा में प्रवासी मजदूरों की बड़ी आबादी रहती है। दिल्‍ली-गुरुग्राम की फैक्ट्रियों में काम करने वाले अधिकतर लोग यहीं रहते हैं। इलाके की बेहद संकरी गलियों में के एक-एक मकान में दर्जनों की आबादी बसती है। बताया जाता है कि करीब सवा लाख लोग इस इलाके में निवास करते हैं। ऐसे में एक बिल्डिंग से 41 मरीज मिलना प्रशासन को बड़ी टेंशन दे रहा है।

दिल्‍ली-गुरुग्राम बॉर्डर पूरी तरह है सील

कापसहेड़ा इलाका गुरुग्राम से सटा हुआ है। गुरुग्राम प्रशासन ने शुक्रवार सुबह दिल्ली से लगी सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया था। दरअसल गुरुग्राम ऑरेंज जोन में है इसलिए वहां के अधिकारी एक्‍स्‍ट्रा केयरफुल हैं।

दिल्‍ली में 4000 के करीब केस

कोरोना वायरस से दिल्‍ली बुरी तरह प्रभावित है। शनिवार सुबह के आंकड़े बताते हैं कि राष्‍ट्रीय राजधानी में कोरोना के कुल 3,738 मामले सामने आए हैं। यहां 61 लोगों की मौत कोविड-19 की वजह से हुई है। राहत की बात ये है कि कुल मरीजों में से 1,167 ठीक होकर घर जा चुके हैं। दिल्‍ली का हर जिला रेड जोन डिस्ट्रिक्‍ट है। यहां 100 से ज्‍यादा कंटेनमेंट जोन हैं यानी संक्रमण का खतरा हर इलाके में है।

टेस्टिंग पर है सीएम का जोर

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा, “आंकड़ों से हमें लगता है कि दिल्ली में केस बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन दिल्ली में हमने खूब जांच कराने का निर्णय लिया है, ताकि पता चल जाए कि कौन संक्रमित है। उसे अलग कर उसका इलाज कराया जा सके, ताकि वह और लोगों में कोरोना न फैलाए। हम दिल्ली में खूब टेस्ट करा रहे हैं।” दिल्ली में प्रति 10 लाख की आबादी पर करीब 2300 टेस्ट हो रहे हैं।