दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में शराब पर कोरोना टैक्स खत्म करने से किया इनकार

दिल्लीवासियों ने चार मई को शराब की दुकानें खुलने के बाद दस दिन के भीतर ही 170 करोड़ रुपये की दारू गटक ली। एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार को शराब की बिक्री पर स्पेशल कोरोना फीस लगाने से 70 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई हुई है।

दिल्ली सरकार ने चार मई को लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू होने के साथ ही 150 सरकारी शराब के ठेकों को खोलने की अनुमति दे दी थी। इसके अगले दिन उसने शराब के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर 70 फीसदी स्पेशल कोरोना फीस लगा दी थी।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शराब की दुकानों पर उमड़ने वाली भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा ई-टोकन सिस्टम लागू करने के बाद शराब की बिक्री बढ़नी शुरू हो गई, जिसके तहत लोगों को दुकानों से शराब खरीदने के लिए तय समय दिया जाता है।

9 मई को शराब की हुई ज्यादा बिक्री

नौ मई को सबसे अधिक 18.23 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई। 8 मई को लोगों ने 15.8 करोड़ रुपये की शराब खरीदी। लॉकडाउन के तीसरे चरण के पहले दिन यानि चार मई को 5.19 करोड़ रुपये की शराब बिकी, तब तक ई-टोकन प्रणाली शुरू नहीं हुई थी। पांच मई को 4.49 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई। दिल्ली वालों ने 13 मई को 9.72 करोड़ रुपये की शराब गटकी तो उसके अगले दिन 7.92 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई।

शराब पर कोरोना टैक्स खत्म करने से इनकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राजधानी में शराब पर 70 फीसदी कोरोना टैक्स लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है। हालांकि, हाईकोर्ट ने शराब पर 70 फीसदी कोरोना टैक्स लगाने पर सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी हरि शंकर की पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर मामले की अगली सुनवाई 29 मई से पहले अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। हाईकोर्ट ने लॉकडाउन में शराब की बिक्री की अनुमति देते हुए एमआरपी पर 70 फीसदी स्पेशल कोरोना टैक्स लगाने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर यह आदेश दिया। याचिका में दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग द्वारा इस संबंध में 4 मई को जारी अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई है। ललित वेल्चा और अन्य की ओर से यह याचिका दाखिल की गई है।