मनोज तिवारी कोअध्यक्ष पद से छुट्टी कर सकते हैं अमित शाह

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष पद से मनोज तिवारी की छुट्टी हो सकती है। गायक-अभिनेता से राजनेता बने मनोज तिवारी को लेकर बीजेपी के अंदरखाने में इस तरह की अटकलें तेज हो गई हैं। कहा जा रहा है कि बीजेपी ऐसे वक्त में राज्य स्तर पर फेरबदल कर सकती है, जब पार्टी की राज्य में पकड़ मजबूत हो रही है। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी आलाकमान दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी से खुश नहीं है। पार्टी का मानना है कि मनोज ने राज्य इकाई में दोस्त से ज्यादा दुश्मन बना लिए हैं। दिल्ली बीजेपी के कई सीनियर नेताओं का मानना है कि नेतृत्व ने मनोज तिवारी को बहुत बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी थी, लेकिन वह आलकमान की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। बता दें कि मनोज तिवारी 2013 में बीजेपी में शामिल हुए थे। इसके बाद पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता गया था।

मनोज तिवारी का सीनियर नेताओं से टकराव कोई छिपी बात नहीं है। कुछ महीने पहले ही उनके और सीनियर बीजेपी नेता विजय गोयल के बीच कड़वाहट की खबरें आई थीं। बात पिछले साल मई की है। एमसीडी चुनाव में जीतने वाले बीजेपी पार्षदों के लिए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष विजय गोयल ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में दिल्ली बीजेपी के नेताओं, सांसदों, विधायकों और पार्षदों को आमंत्रित किया गया था। सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि मनोज तिवारी ने पार्षदों को इस कार्यक्रम में शामिल होने से रोक दिया था। इस घटना पर बीजेपी के एक नेता ने कहा था, “केवल पार्टी ही पार्षदों को बुला सकती है। पार्टी और पार्टी के इकाई प्रमुख की सहमति के बिना मंत्री भी पार्षदों को नहीं बुला सकते हैं।” खबरें आई थीं कि इस घटना के बाद पार्षद भी कई खेमों में बंट गए थे।

इसके अलावा, दिल्ली में केजरीवाल सरकार के 3 साल पूरे होने के मौके पर बीजेपी की ओर से श्वेतपत्र लाने के कार्यक्रम के कई बार रद्द होने में भी बीजेपी नेताओं के टकराव की खबरें सामने आई थीं। अटकलें थीं कि दिल्ली बीजेपी में एक गुट मनोज तिवारी के साथ है तो दूसरा बीजेपी के सीनियर नेता विजेंद्र गुप्ता के साथ। विजेंद्र गुप्ता विधानसभा में बीजेपी के प्रतिरोध का चेहरा रहे हैं। कहा गया कि ये दोनों नेता शायद ही किसी कार्यक्रम में एक साथ शिरकत करते हों।