आपकी बहादुरी से पूरी दुनिया में भारत की ताकत का संदेश गया : पीएम मोदी

पूर्वी लद्दाख में भारतीय एवं चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के कुछ ही दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अचानक लेह पहुंचे। यहां उन्होंने थलसेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से बातचीत की। सूत्रों ने बताया कि मोदी प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के साथ सुबह करीब साढ़े नौ बजे लेह पहुंचे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री इस समय निमू में एक अग्रिम स्थल पर हैं। वहां उन्होंने थलसेना, वायुसेना एवं आईटीबीपी के कर्मियों से बातचीत की।

उन्होंने बताया कि सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को सीमा की स्थिति से अवगत कराया। सिंधु नदी के तट पर 11,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित निमू सबसे दुर्गम स्थानों में से एक है। यह जंस्कार पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है। मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत ने लद्दाख में अपनी भूमि पर आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब दिया है। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत मित्रता की भावना का सम्मान करता है लेकिन यदि कोई उसकी भूमि पर आंख उठाकर देखता है तो वह इसका उचित जवाब देने में भी सक्षम है।

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इस दौरान जवानों की हौसला अफजाई करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आपने और आपके साथियों ने जो बहादुरी दिखाई, उससे भारत की ताकत के बारे में दुनिया को एक संदेश गया है। आप जहां तैनात हैं यहां, आपकी ताकत इन पर्वत की चोटियों से कहीं ज्यादा है। मैं एक बार फिर से उन जवानों के प्रति अपने संवेदना जाहिर करता हूं जिन्होंने गलवान घाटी में सर्वोच्च बलिदान दिया। विस्तारवाद की जिद जब किसी पर सवार होती है तो उसने हमेशा विश्व शांति के सामने खतरा पैदा किया है। साथियों यह ना भूलें, इतिहास गवाह हैं कि ऐसी ताकतें मिट गई हैं या फिर मुड़ने के लिए मजबूर हो गई हैं। विश्व का हमेशा यही अनुभव रहा है, इसी अनुभव के आधार पर इस बार फिर से पूरे विश्व में विस्तारवाद के खिलाफ मन बना लिया है। आज विश्व विकासवाद को समर्पित है और विकास की खुली स्पर्धा का स्वागत कर रहा है। साथियों जब-जब मैं राष्ट्र रक्षा से जुड़े किसी निर्णय के बारे में सोचता हूं तो मैं सबसे पहले दो माताओं का स्मरण करता हूं।

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पहली, हम सभी की भारत माता और दूसरी वे वीर माताएं जिन्होंने आप जैसे पराक्रमी योद्धाओं को जन्म दिया है, मैं उन दो माताओं का स्मरण करता हूं। मेरे निर्णय की कसौटी यही है, इसी कसौटी पर चलते हुए आपके सम्मान, आपके परिवार के सम्मान और भारत माता की सुरक्षा को देश सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। सेनाओं के लिए आधुनिक हथियार हो या आपके लिए जरूरी साजो-सामान, इन सभी पर हम बहुत ध्यान देते रहे हैं। अब देश में बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर करीब-करीब तीन गुना कर दिया गया है, इससे बॉर्डर एरिया डेवलेपमेंट और सीमा पर सड़के और पुल बनाने का काम बहुत तेजी से हुआ है। इसका एक बहुत बड़ा लाभ यह भी हुआ है कि आप तक सामान बहुत कम समय में पहुंचता है। साथियों सेनाओं में बेहतर समन्वय के लिए लंबे समय से चीफ ऑफ डिफेंस के पद की गठन की बात हो या फिर नेशनल वॉर मेमोरियल हो या फिर वन नेशन वन रैंक या फिर आपके परिवार की देखरेख से लेकर शिक्षा के लिए लगातार देश काम कर रहा है। देश हर स्तर पर अपनी सेना और सैनिकों को मजबूत कर रहा है। साथियों भगवान गौतम बुद्ध ने कहा है कि साहस का संबंध प्रतिबद्धता से है, साहस करुणा है, साहस जुनून है। साहस वो है जो हमे निर्भीक और अडिग होकर सत्य के पक्ष में खड़ा होना सिखाए, साहस वो है जो हमे सही को सही कहने और करने की उर्जा देता है। साथियों देश के वीर सपूतों ने गलवान घाटी में जो अदम्य साहस दिखाया, वो पराक्रम की पराकाष्ठा है। देश को आप पर गर्व है, आप पर नाज है। आप में से हर कोई कंधे से कंधा मिलाकर मां भारती की सेवा में समर्पित हैं।

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देश अनेक आपदाओं से एक साथ और पूरी दृढ़ता से लड़ रहा है। आप सभी से प्रेरणा लेते हुए, हम मिलकर, हर चुनौती पर, मुश्किल से मुश्किल चुनौती पर विजय प्राप्त करते रहे हैं, विजय प्राप्त करते रहेंगे। जिस भारत के सपने को लेकर, विशेष रूप से आप सब सरहद पर देश की रक्षा कर रहे हैं, हम उस सपने का भारत बनाने के लिए, आपके सपनों का भारत बनाने के लिए, 130 करोड़ देशवासी भी पीछे नहीं रहेंगे, यह मैं आज आपको विश्वास दिलाने आया हूं। हम एक सशक्त भारत और आत्मनिर्भरत बनाकर रहेंगे। आपसे प्रेरणा मिलकर हमे और भी ताकत मिलती है। मैं आप सबका अभिनंदन करता हूं और धन्यवाद करता हूं।

गलवान घाटी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि भारत के वीर सपूतों ने दिखा दिया कि वे कभी भी मां भारती के गौरव को आंच नहीं आने देंगे। प्रधानमंत्री का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध जारी है।