आसाराम पर फैसला: 10 दिनों तक जोधपुर में लगा कर्फ्यू

राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद दुष्कर्म के आरोपी आसाराम पर फैसला आने वाला है। इस मामले में कोर्ट 25 अप्रैल को फैसला सुना सकती है। शनिवार को जोधपुर पुलिस ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि वह 30 अप्रैल तक धारा 144 लागू करेंगे। आदेश के मुताबिक, चार से ज्यादा लोग किसी सार्वजनिक स्थान पर जमा नहीं हो सकेंगे। हालांकि फैसला सुनाने की व्यवस्था जेल परिसर के भीतर ही की जाएगी।  राजस्थान हाई कोर्ट ने मंगलवार को आसाराम के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले की सुनवाई कर रही ट्रायल कोर्ट को कई निर्देश दिए थे। हाई कोर्ट ने शहर की कानून—व्यवस्था बिगड़ने की आशंका को देखते हुए फैसला सुनाने का इंतजाम जोधपुर केन्द्रीय कारागार के भीतर करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने जेल अधीक्षक को सभी जरूरी इंतजाम जेल परिसर के भीतर करने के निर्देश दिए थे।

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ये नहीं कहा जा सकता है कि आसाराम के अनुयायी जोधपुर शहर की जनता के लिए समस्या नहीं खड़ी करेंगे या फिर माहौल बिगाड़ने की कोशिश नहीं करेंगे। वह कानून—व्यवस्था के लिए चुनौती भी खड़ी कर सकते हैं। फैसले से पहले, जिला प्रशासन ने भी पीड़ित के घर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। एसपी सिटी दिनेश त्रिपाठी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि पीड़िता के परिवार की सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं। पांच पुलिसकर्मी हर वक्त उसके घर पर तैनात रहेंगे। सभी आने—जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए रिजर्व फोर्स तैयार रखा गया है।’

दुष्कर्म के मामले पर फैसला जेल के भीतर सुनाए जाने का आदेश हाई कोर्ट ने पुलिस की याचिका पर दिया है। दरअसल पुलिस ने हाई कोर्ट से कहा था कि अगर फैसला कोर्ट परिसर में सुनाया जाता है तो इससे सुरक्षाकर्मियों और आसाराम समर्थकों के बीच टकराव हो सकता है। पिछले साल गुरमीत रामरहीम सिंह पर दुष्कर्म के मामले में फैसला होना था। फैसला रामरहीम सिंह के खिलाफ आने पर उसके समर्थकों और पुलिस के बीच हरियाणा के पंचकूला में भारी हिंसा हुई थी। जिसमें कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। इसी मामले से सबक लेते हुए पुलिस ने ये कदम उठाया था।

अपनी याचिका में पुलिस ने कहा था कि फैसले वाले दिन शहर में आसाराम समर्थक भारी तादाद मौजूद रहेंगे। ये लोग केस की सुनवाई में बाधा डालने की कोशिश भी कर सकते हैं। आसाराम नाबालिग से दुष्कर्म (पोक्सो एक्ट) और एससी/एसटी के उल्लंघन के आरोप में बीते 31 अगस्त 2013 से जोधपुर जेल में बंद हैं। अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें अधिकतम 10 साल कैद की सजा हो सकती है।