इंडियन रेलवे: प्रयागराज स्टेशनं पे बोर्डिंग पास वाली सुविधा शुरू

भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने उत्तर प्रदेश (UP) के प्रयागराज रेलवे स्टेशन (Prayagraj Railway Station) पर एयरपोर्ट जैसी बोर्डिंग पास की सुविधा शुरू की है. कोविड-19 (COVID-19) के प्रसार के चलते संपर्क रहित टिकट जांच (Contactless ticket checking) को बढ़ावा देने के कदम के तहत, उत्तर मध्य रेलवे (North Central Railway) के अधिकारियों ने प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर अपनी तरह का पहला एयरपोर्ट जैसी बोर्डिंग पास की सुविधा शुरू की. उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) अजित कुमार सिंह ने कहा, जंक्शन स्टेशन पर पहुंचने वाले ट्रेन यात्रियों को पहले चार नए चेक-इन काउंटरों के साथ एक बोर्डिंग हॉल में ले जाया जाता है. कोरोनो वायरस संकट (Coronavirus Crisis) के कारण यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये काउंटर पूरी तरह से संपर्क रहित हैं.

कैमरे के माध्यम से यात्रियों को दिखानी होगी आईडी और टिकट

कॉन्टैक्टलेस टिकट चेकिंग सुविधा के अंतर्गत प्रयागराज रेलवे स्टेशन से यात्रा प्रारंभ करने वाले यात्रियों के टिकट की जांच हेतु चार काउंटर बनाए गए हैं. इन पर टिकट चेकिंग स्टाफ द्वारा पीएनआर/क्यूआर कोड के माध्यम से टिकट की जांच की जाएगी. काउंटर पर यात्री कैमरे के माध्यम से अपनी आईडी और टिकट दिखाना होगा. जो ड्यूल डिस्प्ले द्वारा यात्री एवं टिकट चेकिंग स्टाफ दोनों को दिखाई देगा.

यह तकनीक न केवल यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कॉन्टैक्टलेस टिकट चेकिंग सुनिश्चित करती है, बल्कि एक ट्रेन में खाली बर्थ की पहचान करने में भी मदद करती है जो यात्रियों को बर्थ की बेहतर उपलब्धता के लिए अगले स्टेशन पर भेज दिया जाता है.

बिना थर्मल स्क्रीनिंग प्लेटफॉर्म पर एंट्री नहीं

प्रयागराज रेलवे पर बोर्डिंग पास के बाद यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी. प्लेटफॉर्म पर एंट्री से पहले यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग की प्रक्रिया की जाएगी. थर्मल स्क्रीनिंग में उपयुक्त पाए जाने पर ही यात्री को प्लेटफार्म के अंदर प्रवेश की अनुमति प्रदान की जाएगी.

इन मानक व्यवस्थाओं के अलावा, यात्रियों के कुशल संचालन के लिए उचित सामाजिक दूरी और न्यूनतम शारीरिक संपर्क की कोशिश की जा रही है. 1 जून से उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज जंक्शन स्टेशन पर स्वचालित क्यूआर कोड (QR code) आधारित टिकट स्कैनिंग के लिए एक ऐसी प्रणाली पहले ही लागू की जा चुकी है.