उड्डयन मंत्रालय के तहत आने वाली संस्था में सैकड़ों करोड़ का फर्जीवाड़ा, सीबीआई ने दर्ज किया केस

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत आने वाली संस्था एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के कई कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज किया है। मुंबई से जुड़े इस मामले में लगभग 800 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े की बात कही जा रही है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया पर एयरपोर्ट को अपग्रेडिंग, एयरपोर्ट के रखरखाव की व्यजवस्था, सिविल एविएशन इंफ्राक्ट्रेक्चर को और बेहतर बनाने का जिम्मा होता है, लेकिन आरोप है कि कुछ अधिकारियों ने साजिश कर इसमें बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा किया है, जिनमें एएआई के अधिकारी भी शामिल हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के अंतर्गत एएआई के द्वारा बनाई गई एक ज्वाइंट वेंचर फर्म मेसर्स मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) से जुड़ा है। इसे मुंबई एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण, अपग्रेड और मेंटेननेंस का काम दिया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फर्म का इसमें 50.5 प्रतिशत का शेयर तय किया गया था। ज्वाुइंट वेंचर एयरपोर्ट होल्डिंग लिमिटेड के पास था, जबकि 26 प्रतिशत एएआई के पास था और बाकी शेयर विदेशी कंपनियों के पास थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 4 अप्रैल 2006 को एएआई ने मेसर्स मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के साथ एक एग्रीमेंट किया, जिसके तहत मुंबई एयरपोर्ट का आधुनिकरण करना था, और इसी में फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया।

सीबीआई का आरोप है कि बिना कामकाज किए ही कागजों में खानापूर्ति कर दी गई। इसके अलावा भी तमाम अन्य निर्माण कार्यों में फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया। साथ ही कार्य को करने के लिए जो एग्रीमेंट बनाए गए थे वे मात्र कागज के टुकड़े बनकर रह गए। सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में यह भी कहा गया है कि मेसर्स मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के खर्चे को काफी बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया, जिससे कि पैसों का गबन किया जा सके। साथ ही इसी साजिश के तहत मेसर्स मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) का इनकम काफी कम दिखाया गया। घोटाले की कुल रकम 800 करोड़ रुपये के आसपास बैठती है।

सीबीआई ने जीवीके ग्रुप के चेयरमैन वेंकट कृष्ण रेड्डी गुनुपति और उनके बेटे जीवी संजय रेड्डी समेत कई अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक, ये मामला साल 2012 से लेकर 2018 के बीच फर्जीवाडे़ का है, जिसमें शुरुआती अनुमान के मुताबिक लगभग 800 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया है, लेकिन यह रकम बढ़कर एक हजार करोड़ रुपये तक जा सकती है। इस मामले में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कई अन्य अधिकारी भी रडार पर हैं।