रेप के आरोप में सीबीआई के शिकंजे में फंसे उन्नाव के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बचाने के लिए एक करोड़ रुपये की मांग करने वाले दो युवकों को गाजीपुर पुलिस ने गुरुवार को दबोच लिया। दोनों कभी बीजेपी नेता तो कभी सीबीआई अफसर बनकर विधायक की पत्नी को कॉल करके डील कर रहे थे। विधायक की पत्नी ने इसकी सूचना गाजीपुर पुलिस को दी तो रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई थी। पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि वे बहुचर्चित केस में डील करके किस्मत चमकाने का प्रयास कर रहे थे।
इस बार सीधे अफसर ने एक करोड़ रुपये की मांग की तो संगीता को संदेह होने लगा। उन्होंने उसे झांसे में लेकर काफी देर तक बात की। इतने रुपये तत्काल न होने की जानकारी देने पर जालसाज ने 50 लाख रुपये मांगे। बाकी रकम केस फाइनल होने के बाद देने को कहा। इस बार की बातचीत से संगीता का शक पुख्ता हो गया। 9 मई को वह गाजीपुर थाने पहुंचीं और मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने दोनों नंबरों को सर्विलांस के जरिए ट्रेस किया तो उनकी लोकेशन मिल गई। इंस्पेक्टर गाजीपुर सुजीत राय ने बताया कि कॉल करने वाले गोसाईंगंज निवासी आलोक द्विवेदी और चिनहट निवासी विजय रावत को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मीडिया की सुर्खियों में केस देख बनाई योजना
इंस्पेक्टर सुजीत राय के मुताबिक आरोपी आलोक बीएससी तृतीय वर्ष का छात्र है। विजय रावत पढ़ाई के साथ एक ठेकेदार का कामकाज संभालता है। पूछताछ में दोनों ने बताया कि वह कुलदीप सिंह सेंगर का केस पूरे प्रदेश मे चर्चा का विषय बना है। न्यूज चैनल और अखबारों की सुर्खियों में छाया है। दोनों शुरू से इस केस से जुड़ी खबरें हर रोज पढ़ रहे थे। विधायक के जेल जाने के बाद सीबीआई का शिकंजा कसते देख दोनों ने रुपये ऐंठने की योजना बनाई थी। हाईप्रोफाइल केस में डील करने के लिए मोटी रकम मिलने की उम्मीद में संगीता सिंह को कॉल की थी। इस रकम से दोनों अपनी किस्मत चमकाना चाहते थे। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि विधायक को बचाने के लिए उनकी पत्नी बिना किसी पूछताछ के रुपये देने को तैयार हो जाएंगी, लेकिन दांव उल्टा पड़ गया।