जानिए क्या है POCSO एक्ट ? मासूमों से रेप पर फांसी 

नाबालिगों से रेप की बढ़ती घटनाओं के चलते सरकार ने प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन  फ्रॉर्म सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट (POCSO)में बड़ा बदलाव किया है. POCSO एक्ट में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के मामलों में मौत की सज़ा होगी. देश भर पिछले कुछ समय से इसको लेकर सख्त कानून बनाए जाने की मांग हो रही थी. आइए जानते हैं कि आखिर क्या है POCSO एक्ट?

POCSO एक्ट में क्या हुआ है बदलाव?

-अब 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के मामलों में मौत की सज़ा होगी.

-16 साल से कम उम्र की लड़की से रेप करने पर न्यूनतम सजा को 10 साल से बढ़ाकर 20 साल किया गया है.

क्या है POCSO एक्ट? ये है एक्ट  से जुड़ी 10 बड़ी बातें
1. 18 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का सेक्सुअल बर्ताव इस कानून के दायरे में आता है. ये कानून लड़के और लड़की को समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है.

2. इस एक्ट के तहत बच्चों को सेक्सुअल असॉल्ट, सेक्सुअल हैरेसमेंट और पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों से प्रोटेक्ट किया गया है.

3. 2012 में बने इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है.

4.पोक्सो कनून के तहत सभी अपराधों की सुनवाई, एक विशेष न्यायालय द्वारा कैमरे के सामने बच्चे के माता पिता या जिन लोगों पर बच्चा भरोसा करता है, उनकी मौजूदगी में सुनवाई का प्रावधान है.

5. अगर कोई शख्स किसी बच्चे के शरीर के किसी भी हिस्से में प्राइवेट पार्ट डालता है तो ये सेक्शन-3 के तहत अपराध है. इसके लिए धारा-4 में सजा तय की गई है.

6. अगर अपराधी ने कुछ ऐसा अपराध किया है जो कि बाल अपराध कानून के अलावा किसी दूसरे कानून में भी अपराध है तो अपराधी को सजा उस कानून में तहत होगी जो कि सबसे सख्त हो.

7. अगर कोई शख्स किसी बच्चे के प्राइवेट पार्ट को टच करता है या अपने प्राइवेट पार्ट को बच्चे से टच कराता है तो धारा-8 के तहत सज़ा होगी.

8. अगर कोई शख्स गलत नियत से बच्चों के सामने सेक्सुअल हरकतें करता है, या उसे ऐसा करने को कहता है, पोर्नोग्राफी दिखाता है तो 3 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है.

9. इस अधिनियम में ये भी प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति ये जानता है कि किसी बच्चे का यौन शोषण हुआ है तो उसके इसकी रिपोर्ट नजदीकी थाने में देनी चाहिए, यदि वो ऐसा नही करता है तो उसे छह महीने की कारावास की सज़ा होगी

10.अधिनियम में ये भी कहा गया है कि बच्चे के यौन शोषण का मामला घटना घटने की तारीख से एक साल के भीतर निपटाया जाना चाहिए.