तबलीगी जमात ने 14 राज्यों में फैलाया कोरोना : स्वास्थ्य मंत्रालय

केंद्र सरकार की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जो सबसे बड़ी बात कही गई है वह यह कि लॉक डाउन के चलते देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले तो आ रहे थे लेकिन उनमें तेजी नहीं थी हालात कंट्रोल में थे लेकिन जमात के मामले सामने आने के बाद चुनौती बढ़ गई है.

लव अग्रवाल ने कहा कि बीते 2 दिनों में 647 कोरोना वायरस के संक्रमण के जो मामले आए हैं वह सिर्फ जमात से जुड़े लोगों के हैं. इस लिहाज से इंतजामों की चुनौती भी बढ़ गई है. इसके साथ ही गृह मंत्रालय की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बदतमीजी की कुछ घटनाएं हमारे संज्ञान में आई हैं, हमने राज्य सरकारों को ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है.

गृह मंत्रालय ने 960 लोगो को ब्लैक लिस्ट कर दिया है. 360 विदेशी वापस जा चुके हैं, उनको भी ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई चल रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कल से आज तक 12:00 संक्रमित मरीजों की मौत हुई है जिसमें तबलीगी जमात के लोग जो संक्रमित लोग थे उनकी डेथ हुई शामिल है.

लव अग्रवाल ने कहा है, “निजामुद्दीन से तबलीगी जमात से जुड़े 647 संक्रमण के मामले बीते 2 दिन में सामने आए हैं. यह लोग 14 अलग-अलग राज्यों में फैले हैं इनमें दिल्ली, झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, अंडमान निकोबार, तेलंगाना, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे कुल 14 राज्य शामिल हैं.

लव अग्रवाल ने कहा कि अभी तक 3 अप्रैल तक 2088 संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं जबकि 56 लोगों की अभी तक मौत हो चुकी है. अच्छी बात यह है कि 156 कोरोना संक्रमण के मरीज ठीक होकर अपने घर भी जा चुके हैं.

अग्रवाल ने कहा कि आरोग्य सेतु एप जो कल लांच किया गया था उससे आप रिस्क एसेसमेंट कर सकते हैं. आपके स्वास्थ्य और जिंदगी के लिहाज से और साथ ही परिवार और समाज के लिहाज से यह ऐप बेहद कारगर है. देशभर में अभी 30 लाख से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है.

कोरोना वायरस को लेकर देशभर में चल रही रिसर्च का जिक्र करते हुए लव अग्रवाल ने बताया कि डीआरडीओ समेत देश की तमाम रिसर्च एजेंसियां कोरोना वायरस के मामले में बचाव और वैक्सीन को खोजने की रिसर्च में जुटी है. लव अग्रवाल ने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर के कम्युनिटी हेल्थ कर्मचारियों डॉक्टरों सभी के लिए एक एडवाइजरी जारी की है कि वह किस तरह से प्रोटोकॉल का फॉलो करके इस मामले में ड्यूटी करें और अपना बचाव रखें.