दलितों के लिए 4 साल में कोई काम नहीं : सांसद डॉक्टर यशवंत सिंह

आरक्षण और एससी-एसटी (अनुसूचित जाति-जनजाति) ऐक्ट को लेकर चल रहे विवाद के बीच बीजेपी के दलित सांसद लगातार विरोध दर्ज करा रहे हैं। अब इस कड़ी में नया नाम जुड़ा है नगीना से बीजेपी सांसद डॉक्टर यशवंत सिंह का। वेस्ट यूपी की नगीना रिजर्व लोकसभा सीट से सांसद डॉक्टर यशवंत सिंह ने पीएम को पत्र लिखकर दलितों के हित में चार साल के भीतर एक भी काम नहीं होने की बात कही है। साथ ही उन्होंने पीएम से आग्रह किया है कि वह जल्द आरक्षण बिल को पास कराएं।

पीएम के नाम दो अप्रैल को लिखी चिट्ठी में डॉक्टर यशवंत सिंह ने खुद को जाटव समाज से सांसद बताते हुए अपनी शैक्षणिक योग्यता का हवाला देते हुए लिखा है, ‘मैंने ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस से एमडी और अमेरिका से विशेष परीक्षा पास की है। मैं समझता हूं कि आरक्षण के कारण ही मैं सांसद बना हूं, मेरी योग्यता का उपयोग नहीं हो पा रहा है। आरक्षण के बिना दलित समाज और पिछड़े वर्ग का कोई अस्तित्व नहीं हैं।’

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सांसद ने पीएम को लिखा है, ‘जब मैं सांसद चुनकर आया था, तब मैंने आपसे मिलकर प्रमोशन आरक्षण के लिए बिल पास कराने का अनुरोध किया था। समाज के दूसरे संगठन भी इस तरह का अनुरोध करते रहते हैं। परंतु चार साल बीतने के बाद भी देश के करीब 30 करोड़ दलितों के हित के लिए आपकी सरकार ने एक भी कार्य नहीं किया।’ सांसद ने पत्र में बैकलॉग पूरा करने, आरक्षण बिल पास कराने और प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण दिलाने जैसे काम भी याद दिलाए।

पीएम को चिट्ठी में यशवंत सिंह ने लिखा, ‘कोर्ट में दलित समाज का कोई प्रतिनिधित्व नहीं हैं, जिस कारण कोर्ट समय-समय पर हमारे विरुद्ध नए निर्णय देकर अधिकारों को खत्म कर रहा है। इस देश की 70 प्रतिशत संपत्ति एक प्रतिशत लोगों के पास है, जिन्हें सरकार का संरक्षण प्राप्त हैं। 25 फीसदी आबादी के पास शायद ही आधा प्रतिशत संपत्ति हो। दलित समाज सरकार की अच्छी नीति के बगैर तरक्की नहीं कर सकता है।’

सांसद ने पीएम से चिट्ठी में सीधा सवाल करते हुए कहा, ‘जब हम सांसद चुनकर आए थे, तब आपका बयान सुना था कि यह सरकार गरीबों, दलितों और वंचितों की सरकार है। तब खुशी हुई थी कि आप जरूर दलित-पिछड़े वर्ग के हितों के लिए आरक्षण बिल पास कराएंगे लेकिन हालात ऐसे हो गए कि बीजेपी के हम दलित सांसद अपने समाज की रोज प्रताड़ना झेल रहे हैं। हमारा जवाब देना मुश्किल है।’

चिट्ठी में पीएम से आग्रह किया गया है कि दलित समाज के हित के लिए विशेष ध्यान देकर आरक्षण बिल पास कराया जाए। सांसद चाहते हैं कि सरकार एससी-एसटी ऐक्ट के फैसले के खिलाफ पैरवी कर इस निर्णय को पलटवाए। यशवंत ने अंत में लिखा है कि यह समाज आप पर भरोसा करता है और आपका ऋणी रहेगा।