मानसून भारत पहुंच चुका है. 1 जून को केरल के तटों को मानसून ने छू लिया. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर अब चक्रवाती तूफान निसर्ग का खतरा मंडरा रहा है. निसर्ग तूफान के बुधवार को मुंबई के तट पर पहुंचने की आशंका है. इस दौरान करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. वहीं दूसरी तरफ देश के कई राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली-एनसीआर के अलावा अन्य राज्यों में भी प्री-मानसून एक्टिविटीज शुरू हो गई हैं. सोमवार को कई राज्यों में हुई बारिश से महौल में ठंडक घोल दी है और आने वाले दिनों में यह राहत जारी रह सकती है.
आज इन राज्यों में हो सकती है बारिश
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले दो घंटों में दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में आंधी और बारिश का अनुमान जताया है. मौसम विभाग के अनुसार अगले दो घंटों के दौरान हरियाणा के करनाल, सोनीपत और पानीपत को अलावा उत्तर प्रदेश के शामली, बागपत, गाजियाबाद, मोदीनगर, मेरठ और दिल्ली के कई स्थानों पर बारिश होने की संभावना है. इस दौरान 20-40 किमी प्रति घंटे की गति से आंधी चलेगी. मौसम विभाग ने मंगलवार को दिल्ली में बहुत हल्की बारिश या गरज के साथ हल्की बारिश का अनुमान जताया है.
जानिए कब पहुंचेगा आपके राज्य में मानसून
मानसून आगे बढ़ रहा है और तेजी से अन्य राज्यों में दस्तक देने की तैयारी में है. सबकुछ ठीक रहा तो अगले 10 दिनों में यह आगे बढ़ते हुए उत्तर भारत की सीमाओं को छूने की तैयारी में है. मौसम विभाग के अनुसार, बिहार में 15 से 20 जून के बीच मानसून दस्तक दे सकता है. वहीं झारखंड में तो यह 15 जून तक पहुंच जाएगा. इसी तरह राजधानी दिल्ली में 20 जून के बाद मानसून दस्तक देगा वहीं महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में भी इसी दौरान मानसून आ सकता है.
अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित हो सकता है मानसून
यह देश के किसानों और खासकर सरकार के लिए बेहद राहत की खबर है. कोरोना वायरस (Coronavirus) ने देश की अर्थव्यवस्था को जो जख्म दिए हैं, उन्हें भरने में मॉनसून किसी मलहम का काम करेगा. बंपर फसल उत्पादन के लिए मॉनसून कितना जरूरी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाइए कि देश की आधे से ज्यादा खेतिहर जमीन पर यह बारिश कराता है. अर्थव्यवस्था को इससे कितना फायदा पहुंचेगा, ये तो बाद में पता चलेगा मगर असर जरूर होगा. क्योंकि देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का करीब 45 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण अर्थव्यवस्था है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था के योगदान को देखते हुए कृषि सेक्टर बेहद अहम है. और कृषि क्षेत्र के लिए मॉनसून अमृत की तरह है क्योंकि इससे खेत सीधे सींच जाते हैं और रिजर्वायर भी भरे रहते हैं. भले ही इससे भारतीय अर्थव्यवस्था का रुख पूरी तरह से न बदले, खाद्यान्न कीमतों पर इसका सकरात्मक असर होगा.