पीएम का संबोधन: 22 मार्च को जनता कर्फ्यू…नवरात्र पर मोदी के 9 आग्रह

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि ये मत सोचिए कि सबकुछ ठीक है। वैश्विक महामारी से निश्चिंत होने की ये सोच ठीक नहीं है। मैं आज 130 करोड़ देशवासियों से ये मांगने आया हूं। मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए। मैं आपका समय मांगता हूं। विज्ञान अभी तक इसकी कोई दवाई या टीका नहीं बना पाया है। हर भारतवासी को सतर्क रहना जरूरी है।

उन्होंने कहा, सभी केंद्र व राज्य सरकारों के दिशा-निर्देशों का पालन करें। संकल्प लें कि हम खुद संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी बचाएंगे। ऐसे समय में एक ही मंत्र काम करता है। हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ। हमारा संकल्प और संयम इस वैश्विक बीमारी से बचाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है।

पीएम मोदी ने जनता से नवरात्र पर किए ये 9 आग्रह

मेरा सभी देशवासियों से आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें। हो सके तो काम घर से ही करें।

मैं आज से जनता कर्फ्यू की मांग करता हूं। यानि जनता के लिए, जनता द्वारा लगाया गया कर्फ्यू। 22 मार्च रविवार को सुबह 7 से रात 9 बजे तक सभी देशवासियों को जनता कर्फ्यू का पालन करना है। जनता कर्फ्यू हमें आने वाली चुनौती से भी तैयार करेगा।

हमें 22 मार्च को शाम 5 बजे ताली या थाली बजाकर, सायरन बजाकर सेवाभावियों का धन्यवाद करना चाहिए।

हमारे परिवार में जो भी वरिष्ठ नागरिक हैं, 60-65 आयु वाले बुजुर्ग, आने वाले कुछ सप्ताह तक वे घर से बाहर न निकलें।

कोरोना सेनानियों को सम्मान दें, वे जो साफ-सफाई और जरूरी कामों में लगे हैं। जो लोग आर्थिक रूप से संपन्न हैं वो अपने साथ और अपने लिए काम करने वालों का ध्यान रखें। उनका वेतन न काटें।

हमें देखना है कि हम अस्पतालों पर अनावश्यक दबाव ना बढ़ाएं। रुटीन चेकअप के लिए अस्पताल के लिए न जाएं। ऐसी सर्जरी जो आगे बढ़ सकती है उसे आगे बढ़ा दें।

इस महामारी का अर्थव्यवस्था पर भी व्यापक प्रभाव पड़ा है। इसके लिए सरकार ने सभी से जानकारी लेने के लिए कोविड-19 टास्क फोर्स का गठन किया है। ये टास्क फोर्स इस महामारी के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करेगा।

घबराकर खरीदारी न करें, सामान संग्रह करने की होड़ न लगाएं। हम दूध और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति कभी नहीं रोकेंगे। जैसे आप सामान्य रूप से खरीदारी करते हैं वैसे ही करें।