भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए 28 नए मंत्रियों को शामिल किया, जिनमें 20 कैबिनेट और आठ राज्य मंत्री शामिल हैं। लगभग दस मंत्री वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने यहां राजभवन में गरिमामय समारोह में नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। इस मौके पर श्री चौहान और श्री सिंधिया के अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा के वरिष्ठ नेता विनय सहस्त्रबुद्धे, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और अन्य नेता एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। अब राज्य मंत्रिमंडल में कुल मंत्रियों की संख्या 33 हो गयी है, जिनमें 25 कैबिनेट और आठ राज्य मंत्री शामिल हैं। दो सौ 30 सदस्यीय विधानसभा में निर्धारित मापदंड (अधिकतम 15 प्रतिशत) के अनुरूप अधिकतम 35 मंत्री शामिल हो सकते हैं, जिनमें मुख्यमंत्री भी समाहित हैं। इस तरह अब मंत्रिमंडल में मात्र एक सीट रिक्त है।
भाजपा के 16, इनमें 7 पुराने और 9 नए चेहरे
1. गोपाल भार्गव
2. भूपेंद्र सिंह
3. यशोधरा राजे सिंधिया
4. विजय शाह
5.जगदीश देवड़ा
6. बृजेंद्र प्रताप सिंह
7. विश्वास सारंग
8. प्रेम सिंह पटेल
9. इंदर सिंह परमार
10. उषा ठाकुर
11. ओम प्रकाश सकलेचा
12. भारत सिंह कुशवाह
13. रामकिशोर कांवरे
14. मोहन यादव
15. अरविंद भदौरिया
16. राम खिलावन पटेल
सिंधिया खेमे से 9 और कांग्रेस से भाजपा में आए 3 मंत्री बने
सिंधिया खेमे से
1. महेंद्र सिंह सिसोदिया
2. प्रभुराम चौधरी
3. प्रद्युम्न सिंह तोमर
4. इमरती देवी
5. राज्यवर्धन सिंह
6. ओपीएस भदौरिया
7. गिर्राज दंडोतिया
8. सुरेश धाकड़ (राठखेड़ा)
9. बृजेंद्र सिंह यादव
कांग्रेस से भाजपा में आए
1. हरदीप सिंह डंग
2. बिसाहूलाल सिंह
3. एंदल सिंह कंसाना
22 पूर्व विधायकों के साथ आज शिवराज-सिंधिया की वन-टू-वन
ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुवार को कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए 22 पूर्व विधायकों के साथ सीएम निवास में बैठक करेंगे। इसमें मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष समेत प्रमुख लोग मौजूद रहेंगे। इससे पहले पार्टी दफ्तर जाएंगे व कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो रहे लोगों को सदस्यता दिलाएंगे। अगले दिन शुक्रवार को भी हाटपिपल्या के लोगों को भाजपा में शामिल कराएंगे।
मंथन में अमृत निकलता है, विष शिव पी जाते हैं : शिवराज
शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को नई कैबिनेट में मंत्रियों के नामों को लेकर आ रही खींचतान की खबरों पर बुधवार को मीडिया के सवाल पर कहा कि, ‘जब भी मंथन होता है, अमृत निकलता है। अमृत तो बंट जाता है, लेकिन विष शिव पी जाते हैं।’
मंथन से निकले विष को अब रोज पीना पड़ेगा : कमलनाथ
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि मंथन से निकले विष को तो अब रोज ही पीना पड़ेगा, क्योंकि अब तो रोज मंथन करना पड़ेगा। मंथन इतना लंबा हो गया कि अमृत तो निकला नहीं, सिर्फ विष ही विष निकला है। अमृत के लिए अब तरसना पड़ेगा।
20 मार्च को सरकार गिरी, 23 मार्च को शिवराज चौथी बार सीएम बने
सिंधिया समर्थक छह मंत्रियों समेत 22 विधायकों के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद 20 मार्च को कमलनाथ को इस्तीफा देना पड़ा था और 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिर गई थी। 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके 28 दिन बाद 5 मंत्रियों वाली मिनी कैबिनेट ने 21 अप्रैल को शपथ ली थी।