ससुराल का दर्द मायके में जारी रहा, तब भी मानी जाएगी प्रताड़ना: SC

सुप्रीम कोर्ट ने मायके में पीड़ित महिलाओं के लिए एक अहम व्यवस्था दी है। चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि अगर ससुराल में पति या ससुरालवालों ने प्रताड़ना किया है और महिला ने ससुराल छोड़ मायके में पनाह ली और वहां जो उसे मनोवैज्ञानिक तनाव से गुजरना पड़ता है और मानसिक अवसाद से गुजरती है उसे मायके में प्रताड़ना को जारी रहना माना जाएगा। चाहे पति ने पैरेंट्स के घर आकर कुछ न भी किया हो लेकिन उसके द्वारा ससुराल में पत्नी को प्रताड़ित करने के कारण पत्नी का मायके में रहने के दौरान मानसिक तनाव और अवसाद से गुजरती है तो माना जाएगा कि प्रताड़ना जारी है।

सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि अगर महिला का पति या अन्य ससुरालियों द्वारा महिला के साथ प्रताड़ना की जाती है और उसी के नतीजे के कारण वह ससुराल छोड़ मायके जाती है और पैरेंट्स के घर मानसिक ट्रॉमा से गुजरती है तो ये ससुराल में हुए प्रताड़ना का नतीजा माना जाएगा और ये अपने आप में मायके में हुआ अपराध माना जाएगा। महिला अगर मौन भी है तो वह भावनात्मक तनाव और मानसिक ट्रॉमा माना जाएगा। अदालत ने कहा कि पैरेंट्स के घर अगर मेंटल हेल्थ पर विपरीत अशर हो रहा है और उससे पहले पति और ससुरालियों ने ससुराल में लड़की के साथ प्रताड़ना किाय है तो ये पैरेंट्स के घर दहेज प्रताड़ना के तहत हुआ अपराध माना जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट में क्या था मामला
मौजूदा मामले में रूपाली देवी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने रुपाली देवी की उस अर्जी को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने पैरेंट्स के घर के जूरिडिक्शन में दहेज प्रताड़ना केस दायर करने की अपील की थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि यह लगातार हुआ अपराध नहीं है, ऐसे में ससुराल के इलाके के जूरिडिक्शन के बाहर सुनवाई नहीं होगी।

अभी तक क्या रहे हैं नियम
कानूनी जानकार नवीन शर्मा बताते हैं कि अभी तक दहेज प्रताड़ना के मामले में जहां घटना हुई है वहां केस दर्ज कराए जाने का प्रावधान था। यानी महिला अगर पति के साथ ससुराल में रहती है या फिर जहां भी वह पति के साथ रहती है वहां अगर उसके साथ कोई भी प्रताड़ना हुई है तो उस इलाके कोर्ट के जूरिडिक्शन में केस चलता था। कई बार ऐसा भी होता रहा है कि ससुराल में महिला के साथ प्रताड़ना हुई और वह वहां से निकलकर मायके आ गई और वहां भी आकर पति ने उसे प्रताड़ित किया या फिर फोन पर उसे धमकी दी और दहेज के लिए प्रताड़ित किया तो फिर मायके के इलाके में केस दर्ज कराए जाने का जूरिडिक्शन बन जाता था।