फ्री सर्विस पर बैंकों को देना होगा टैक्स?

मिनिमम बैलेंस मेनटेन नहीं करने को लेकर ग्राहकों से चार्ज वसूलने वाले बैंक अब खुद टेंशन में है। हालांकि, बैंकों की नई टेंशन से आपका भी सिरदर्द बढ़ सकता है। दरअसल, टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल ही में कई बड़े बैंकों से मिनिमम अकाउंट बैलेंस मेनटेन करने वाले ग्राहकों को मुफ्त में दी गई सेवाओं पर टैक्स चुकाने को कहा है। आइए आपको बताते हैं इससे आप पर क्या असर होगा?

इन बैंकों को मिला नोटिस

टैक्स डिपार्टमेंट ने एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, ऐक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा जैसे देश के बड़े बैंकों से मिनिमम अकाउंट बैलेंस मेनटेन करने वाले ग्राहकों को मुफ्त में दी गई सेवाओं पर टैक्स चुकाने को कहा है। यह टैक्स पिछली तारीख से मांगा गया है जो हजारों करोड़ में होगा। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स इंटेलिजेंस (DGGST) ने इन बैंकों को इस मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस दूसरे बैंकों को भी भेजा जा सकता है।

जितना वसूला जुर्मना उसी आधार पर टैक्स

जिन अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस मेनटेन हो रहे रहे हैं, उन पर टैक्स की मांग उसी आधार पर की गई है जिस आधार पर बैंक मिनिमम बैलेंस मेनटेन नहीं करने वाले ग्राहकों से चार्ज लेते हैं। यानी, मिनिमम अकाउंट बैलेंस मेनेटन नहीं करनेवाले ग्राहकों से बैंक जितनी रकम जुर्माने के रूप में वसूलते हैं, मिनिमम बैलेंस मेनटेन करनेवाले हर अकाउंट पर भी उतनी ही रकम जोड़कर टैक्स की गणना की जाएगी।

बैंक और ग्राहक दोनों को टेंशन

बैंकों से पिछले 5 साल का टैक्स मांगा गया है, लेकिन बैंकों को चिंता है कि पिछली तारीख से ग्राहकों से टैक्स की मांग नहीं कर सकते। अगर इस टैक्स को बहाल रखा जाता है तो आगे चलकर इसका बोझ ग्राहकों को उठाना पड़ेगा।

खत्म हो सकती हैं ये फ्री सेवाएं

अकाउंट में ऐवरेज मिनिमम बैलेंस मेनटेन करने की वजह से आपको कई मुफ्त सेवाएं मिलती हैं। लेकिन यदि बैंकों को टैक्स देना पड़ा तो एटीएम ट्रांजैक्शन, फ्यूल सरचार्ज रिफंड, चेक बुक, डेबिट कार्ड आदि की सेवाएं फ्री नहीं मिल पाएंगी।