ITR: इस बार बदला हुआ है फॉर्म 1

वित्त वर्ष 2017-18 के लिए नया इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म 1 यानी सहज अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर चुका है। सैलरीड क्लास अपना आईटीआर भरने के लिए इसी फॉर्म का इस्तेमाल करता है। पिछले साल से हटकर इस वर्ष के आईटीआर फॉर्म में करदाताओं को सैलरी इनकम का ब्रेक-अप और हाउस प्रॉपर्टी से इनकम की जानकारी देनी होगी। फॉर्म 16 में आपके सैलरी इनकम की पूरी जानकारी मिल जाती है। इसकी मदद से अपने रिटर्न में ये जरूरी जानकारियां देनी होंगी।

सैलरी से इनकम

आईटीआर फॉर्म- 1 के इस खांचे में आपको सैलरी (भत्तों, ऊपरी लाभ एवं सैलरी के बदले अन्य लाभ को छोड़कर), वे भत्ते जो टैक्स छूट के दायरे में नहीं आते, ऊपरी लाभ की रकम, वेतन के बदले में मिलनेवाले लाभ की जानकारी देनी होगी। साथ ही, आपको आईटी ऐक्ट, 1961 के सेक्शन 16 के तहत किए गए टैक्स छूट के दावे की भी जानकारी देनी होगी।

चुकाया गया टैक्स

जब आप किराए से कमाई पर नगर निगम को टैक्स देते हैं, तो वह प्रॉपर्टी टैक्स या हाउस टैक्स कहलाता है। वार्षिक मूल्य या ऐनुअल वैल्यूः आपको मकान किराए से जितनी रकम हासिल होती है, उसमें से चुकाए गए कर को घटाकर जो बचता है, वही हाउस प्रॉपर्टी का ऐनुअल वैल्यू है। इस वैल्यू पर आप सेक्शन 24 के तहत दो डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। पहला- ऐनुअल वैल्यू का 30% और दूसरा- होम लोन पर दिया जा रहा ब्याज।

ऐनुअल वैल्यू का 30% डिडक्शन

ऐनुअल वैल्यू पर 30% का डिडक्शन क्लेम करने की अनुमति होती है। इसका हाउस मेंटनेंस, इलेक्ट्रिसिटी बिल आदि से कोई लेनादेना नहीं होता है। यानी, इन खर्चों से हटकर ऐनुअल वैल्यू पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। अगर आप मकान में खुद रह रहे हैं तो इसका ऐनुअल वैल्यू शून्य हो जाता है। तब आप सिर्फ होम लोन पर चुकाए गए ब्याज पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।

ब्याज पर टैक्स डिडक्शन

अगर घर होम लोन लेकर खरीदा हो तो वित्त वर्ष 2017-18 में जितना ब्याज चुकाया है, उसे अपने इनकम में से घटा सकते हैं। मकान में खुद रह रहे हों या इसे किराए पर दिया है, होम लोन पर ब्याज में एक वित्त वर्ष में 2 लाख रुपये से ज्यादा का डिडक्शन क्लेम नहीं किया जा सकता है।

वेतन के बदले लाभ

आयकर अधिनियम के सेक्शन 17 के अनुसार, वेतन या वेजेज के अलावा कर्मचारी को मिलने वाली किसी भी तरह की राशि को ‘वेतन के बदले लाभ’ की कैटिगरी में रखा जाता है। मित्तल कहते हैं, ‘इस तरह के भुगतान में आमतौर पर छटनी लाभ, छूट और मान्यता प्राप्त प्रविडेंट फंड से प्रति वर्ष 9.5 पर्सेंट से अधिक इंट्रेस्ट या फिर रोजगार के शुरू होने या खत्म होने के बाद कर्मचारी द्वारा प्राप्त भुगतान से मिलने वाला ब्याज शामिल होता है।

सैलरी से कटौतियां

सेक्शन 16 में सैलरी से होने वाली उन कटौतियों पर बात की गई है, जिनके लिए आप अपनी सैलरी से ही क्लेम कर सकते हैं। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आपको सैलरी का जो अमाउंट मिली है, उस पर क्लेम कर सकते हैं। इसके अलावा किसी भी भत्ते, लाभ या अन्य रिआयत को छोड़कर सैलरी के पांचवें हिस्से को आप क्लेम कर सकते हैं।

अचल संपत्ति से होने वाली आमदनी

आईटीआर भरते समय नौकरीपेशा लोगों को सैलरी ब्रेकअप भी उपलब्ध कराना होगा। इसके अलावा टैक्सपेयर्स को अपनी अचल संपत्ति (हाउस प्रॉपर्टी) के बारे में भी जानकारी देनी होगी। पिछले साल तक फॉर्म में टैक्सपेयर्स को सिर्फ अचल संपत्ति से होने वाली आमदनी के बारे में जानकारी देनी होती थी, लेकिन अब इसके अलावा और भी जानकारी देनी होगी, जैसे कि अचल संपत्ति खुद की है या किराए पर है, होम लोन पर कितना ब्याज दिया गया, घर की वार्षिक वैल्यू क्या है आदि।

अचल संपत्ति खुद की है या किराए पर?

आईटीआर भरते समय यह भी बताने की जरूरत है कि घर आपने खुद लिया है या किराए पर है। अचल संपत्ति से होने वाली आमदनी पर टैक्स की योग्यता इस बात पर निर्भर करती है कि संपत्ति टैक्सपेयर ने खुद ली है या किराए पर है। अगर अचल संपत्ति न तो खुद की है और न ही किराए पर, तो भी इससे होने वाली आमदनी टैक्स के दायरे में आती है और टैक्सपेयर को उसी हिसाब से टैक्स भरना होता है जिस हिसाब से उस संपत्ति को किराए पर दिए जाने के बाद भरता यानी टैक्सपेयर को एक अनुमानित किराया भरना होता है।