(hdnlive) कोरोना काल के दौरान लौट रहे प्रवासी शहरी श्रमिकों को स्थानीय नगर निकाय रोजगार उपलब्ध करायेंगे. नगर विकास व आवास विभाग में नवगठित नगर पालिका स्वच्छता एवं विकास निदेशालय की ओर से सभी नगर निकायों को इसके लिए आदेश जारी किया गया है.
निदेशालय के संयुक्त सचिव ने सभी नगर निगमों को लिखा पत्र
निदेशालय के संयुक्त सचिव ने सभी नगर निगमों के नगर आयुक्त व सभी नगर परिषद एवं नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र लिख कर कहा है कि वर्तमान परिस्थिति में वैश्विक कोरोना महामारी के फलस्वरूप बेरोजगारी एवं आर्थिक संकट को दूर करने के लिए रोजगार सृजन के लिए कार्रवाई किया जाना आवश्यक है, ताकि वर्तमान आर्थिक संकट को दूर किया जा सके. ऐसे में सभी शहरी निकाय रोजगार सृजन के लिए कार्रवाई कर सकते हैं.
शहरों में इन कामों में मिलेगा रोजगार
दरअसल, नगर विकास व आवास विभाग और नगर निकायों के बीच योजनाओं को और अधिक रफ्तार देने के लिए गठित किये निदेशालय अब वर्क मोड में आ चुके है. निदेशालय के संयुक्त सचिव ने कहा है कि शहरी क्षेत्रों में मॉनसून पूर्व किये जा रहे नाला उड़ाही कार्यों में आवश्यकतानुसार रोजगार दिया जाये. इसके अलावा जलजमाव के निराकरण के लिए विभिन्न योजनाओं में भी लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना होगा
नल जल की योजनाओं में भी मिलेगा रोजगार
नगर निकायों द्वारा विभिन्न विकासात्मक योजनाओं तथा नल जल की योजनाओं में भी लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा. वार्ड स्तर पर कार्यान्वित विभिन्न प्रकार की योजनाओं में भी प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिया जा सकेगा. इसके अलावा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की योजनाओं एवं अमृत मिशन की योजनाओं में भी लोगों को अधिक से अधिक काम देने का प्रावधान किया जाये.
आउटसोर्सिंग से भी कार्य में लगाये जा सकते हैं
निदेशालय ने कहा है कि यदि नगर निकाय को ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान कोरोना महामारी में उन्हें साफ-सफाई एवं सैनिटाइजेशन के लिए अतिरिक्त श्रमिकों की जरूरत है तो उन्हें आउटसोर्सिंग के आधार पर कार्य में लगाया जा सकता है.
भवन निर्माण आदि कार्यों में भी मिलेगा रोजगार
इसके अलावा किसी निजी परियोजना मसलन भवन निर्माण आदि कार्यों में भी निर्माण स्थल की घेराबंदी करते हुए निर्माण स्थल पर ही भोजन व रहने की सुविधा के साथ और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कार्य के लिए प्रेरित किया जा सकता है. इसके अलावा भी नगर आयुक्त व कार्यपालक पदाधिकारी अपने विवेकानुसार श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कार्रवाई कर सकते हैं.