अलगाववादियों पर सख्त ऐक्शन की तैयारी में सरकार

जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद सरकार अब अलगाववादियों पर शिकंजा कसने जा रही है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि सरकार कश्मीर के उन अलगाववादी नेताओं पर सख्त कार्रवाई कर सकती है जो टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग में कथित तौर पर शामिल रहे हैं।

अधिकारियों का कहना है कि यह NIA और ED के द्वारा साझा कार्रवाई के तहत होगा। केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में इस पर चर्चा हुई है। इसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के महानिदेशक योगेश चंदर मोदी, प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशक करनाल सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

सक्रिय आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई तेज

यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू किए जाने के कुछ दिन बाद ही हुई है। इसके बाद से राज्य में सक्रिय आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई भी काफी तेज हो गई है। आपको बता दें कि घाटी में कथिततौर पर टेरर फंडिंग के एक मामले में NIA ने पहले ही दिल्ली कोर्ट में टेरर मास्टरमाइंड्स हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन समेत 10 कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।

इनके नाम हैं फाइनल रिपोर्ट में शामिल

फाइनल रिपोर्ट में हुर्रियत लीडर सैयद शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह, गिलानी के निजी सहायक बशीर अहमद, आफताब अहमद शाह, नईम अहमद खान और फारूक अहमद डार आदि के नाम शामिल हैं। गौरतलब है कि ED जम्मू और कश्मीर में फेमा और PMLA के तहत टेरर फाइनैंसिंग से जुड़े कम से कम एक दर्जन मामलों की जांच कर रही है।

इन पर लगाए थे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोप

ईडी ने कश्मीर के अलगाववादी नेता शब्बीर शाह और कथित रूप से हवाला डीलर मुहम्मद असलम वानी पर एक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कई आरोप लगाए थे। वानी को 6 अगस्त 2017 को गिरफ्तार किया गया था। उस दौरान वानी ने यह बात कबूल की थी कि उसने हवाला की रकम (2.25 करोड़ रुपये) शाह को पहुंचाई थी। शाह को 25 जुलाई 2017 को वर्ष 2005 के एक मनीलॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था।