ऑस्ट्रेलिया में भारत टेस्ट सीरीज जीतने वाली पहली एशियाई टीम बनी

भारत और ऑस्ट्रेलिया (India versus Australia) के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज (Border-Gavaskar Trophy 2018/19) मेहमान टीम ने 2-1 से अपने नाम की। ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने वाली भारत (India National Cricket Team) पहली एशियाई टीम बन गई है। 71 साल में भारत ने पहली बार सीरीज अपने नाम की है। विराट कोहली (Virat Kohli) पहले ऐसे कप्तान बन गए हैं, जिनकी कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर टेस्ट सीरीज में मात दी है।

विराट को अपनी टीम पर है गर्व

‘सबसे पहले मैं कहना चाहूंगा कि मुझे इससे पहले कभी अपनी टीम पर इतना गर्व नहीं हुआ है। हमने जो पिछले 12 महीने में कल्चर बनाया वो शानदार है। हमारा बदलाव का दौर इसी मैदान से शुरू हुआ था, जब मैं यहां कप्तान बना था। मैं सिर्फ एक बात कहूंगा, इस टीम का कप्तान होने पर मुझे गर्व है। इन लोगों ने कप्तान को सबके सामने अच्छा साबित किया है। हमें इस मौके का जश्न मनाने का मौका मिला है। अभी तक ये मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है। मैंने जब वर्ल्ड कप जीता था, तब मैं काफी युवा खिलाड़ी था। मैैंने बाकियों को इमोशनल होते हुए देखा था। इस सीरीज जीत से हमें एक टीम के तौर पर अलग पहचान मिलेगी।’

पुजारा, मयंक और ऋषभ पंत से खुश हुए विराट

‘हमने कुछ ऐसा हासिल किया है, जिस पर सबको गर्व है। मैंने पहले भी इस बारे में बात की थी कि हम बेसिक्स पर ध्यान देना चाहते हैं। मैं यहां पर खासतौर पर चेतेश्वर पुजारा का जिक्र करूंगा। वो एक ऐसा खिलाड़ी है, जो हर चैलेंज को एक्सेप्ट करना चाहता है। वो बहुत अच्छा इंसान भी है। इसके अलावा मयंक अग्रवाल का भी जिक्र करूंगा। बॉक्सिंग डे टेस्ट में डेब्यू करना और वो भी वर्ल्ड क्लास अटैक के खिलाफ। ऋषभ पंत की तारीफ करूंगा कि इतने अच्छे बॉलिंग अटैक के खिलाफ उसने ऐसी बल्लेबाजी की। मुझे मालूम था कि अगर एक बार बल्लेबाज रन बना लें तो हमारे गेंदबाज कहर ढा देंगे।’

विराट ने गेंदबाजों को लेकर कुछ ऐसा कहा

‘गेंदबाजों ने जिस तरह से गेंदबाजी की पूरी सीरीज में वो शानदार रहा। सिर्फ इस दौरे पर नहीं बल्कि इससे पहले वाले दोनों दौरों पर भी। ऐसा मैंने पहले कभी भारतीय क्रिकेट टीम में नहीं देखा। वो पिच की तरफ नहीं देखते हैं कि इसमें हमारे लिए कुछ है या नहीं। ये हमारे लिए सीख है और हमारे देश के बाकी गेंदबाजों के लिए भी। ये हमारे लिए बस पहला कदम है। हमारी टीम की एवरेज एज काफी कम है। हमारी टीम की सबसे बड़ी बात रही विश्वास रखना। ऑस्ट्रेलिया हमेशा से बहुत कड़ा प्रतिद्वंद्वी रहा है। हर टीम बदलाव के दौर से गुजरती है। मैं टिम पेन और ऑस्ट्रेलियाई टीम मैनेजमेंट को आने वाले समय के लिए शुभकामनाएं देना चाहता हूं। हम सब ने ये जश्न मनाने का मौका कमाया है और ये जश्न देर रात तक चलेगा। अब हमें और कोई टेस्ट मैच नहीं खेलना है फिलहाल और सुबह अलार्म लगाकर नहीं सोना है। स्टेडियम में लोग शानदार रहे। उन्होंने हमें ऐसा अहसास नहीं होने दिया कि हम घर से बाहर खेल रहे हैं।’