कश्मीर में आतंकवाद को मिलने लगा सामाजिक समर्थन -शाह फैसल

भारत-पाकिस्तान में युद्ध की आशंकाओं के बीच पूर्व आईएएस शाह फैसल ने कहा है कि दोनों मुल्कों के बीच तनाव का सबसे ज्यादा असर कश्मीर पर पड़ता है. उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि युद्ध से कोई मसला हल नहीं होने वाला है, सरकार को बातचीत करनी होगी. ये कहते हुए उन्होंने एक बड़ा बयान भी दिया और कहा कि घाटी में आतंकवाद को सामाजिक समर्थन मिलने लगा है, जो कि अप्रत्याशित है.

पुलवामा अटैक के बाद एयरस्ट्राइक और दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात पर चर्चा के दौरान शाह फैसल ने कहा कि पिछले 15 दिन हम कश्मीरवासियों के भयावह रहे हैं. हमें लग रहा था कि युद्ध होने वाला है, जो कि लंबा चलेगा और लोग खुद इसके लिए तैयार करने लगे थे.

फैसल ने कहा कि भारत-पाक के बीच तनाव का सबसे बड़ा असर कश्मीर पर पड़ता है. ये वो युद्ध है जो हमारे घर में पिछले 30 साल से लड़ा जा रहा है. उन्होंने आह्वान किया कि क्या भारत-पाकिस्तान कोई ऐसा विकल्प नहीं निकाल सकते, जिसमें जान-माल का नुकसान न हो?

फैसल ने कश्मीर में लोगों और राजनेताओं से बातचीत की वकालत करते हुए कहा कि सरकार को घाटी की अवाम से जुड़ने वाली नीति अपनानी होगी. उन्होंने कहा कि आज हालात ये हो गए हैं कि कश्मीर में आतंकवाद को सामाजिक तौर पर समर्थन मिलने लगा है, जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं थी. ये चिंता जाहिर करते हुए शाह फैसल ने कहा कि युद्ध से कुछ नहीं होने वाला है.

शाह फैसल कश्मीर के रहने वाले हैं और 2009 में उन्होंने यूपीएससी टॉप किया था और ऐसा करने वाले वो पहले कश्मीरी हैं. हालांकि, अब उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा छोड़ दी है और राजनीति में आने का ऐलान किया है.