अमरनाथ यात्रा की समाप्ति से 5 दिन पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू कश्मीर के नए राज्यपाल के तौर पर सत्य पाल मलिक की नियुक्ति के लिए सहमति दे दी है.
बीजेपी के पूर्व उपाध्यक्ष जिन्हें पिछले साल राज्यपाल कोविंद के राष्ट्रपति बनने के बाद बिहार के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, अब नई जिम्मेदारी संभालेंगे. 1952 में करन सिंह की नियुक्ति के बाद यह पहला मौका है जब किसी राजनेता को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. वह 1967 तक इस पद पर रहे जिसके बाद से यह पद पूर्व आईएएस, आईपीएस, सैन्य अधिकारी या कूटनीतिज्ञों के पास रहा है.
सत्यपाल मलिक, एनएन वोरा का स्थान लेंगे. राज्यपाल के तौर पर वोहरा का कार्यकाल 28 जून को समाप्त होना था लेकिन अमरनाथ यात्रा को देखते हुए उनका कार्यकाल इसकी समाप्ति तक के लिए बढ़ा दिया गया. वोहरा को यूपीए-2 के वक्त नियुक्त किया गया था. 2014 में एनडीए के सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें पद पर बनाए रखने का फैसला किया था.
24 जुलाई 1946 को पैदा हुए मलिक का राजनीति में काफी लंबा अनुभव है. 1947 से 1977 तक वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे. इसके बाद सांसद के तौर पर भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी और संसदीय कार्य एवं पर्यटन राज्य मंत्री भी रहे. मलिक कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं.
अतीत में वह कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, लोक दल और भारतीय क्रांति दल के साथ भी जुड़े रहे हैं.
मलिक ने मेरठ विश्वविद्यालय से बीएससी और एलएलबी की पढ़ाई की है. इसके अलावा उन्होंने भारत की संसद द्वारा संचालित संवैधानिक और संसदीय अध्ययन संस्थान से संसदीय मामलों में डिप्लोमा प्राप्त किया है.