पुलवामा आतंकी हमले के बाद गुरुवार को जापान ने इसकी कड़ी निंदा की है। जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने कहा है कि पाकिस्तान को अपने देश में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चहिए। जापानी विदेश मंत्री ने पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा है। इसके साथ ही जापान ने पाकिस्तान से संयम बरतने की भी नसीहत दी है। जापानी विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब पुलवामा हमले के बाद पैदा हुए हालात के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी ने जापान की अपनी यात्रा टाल दी थी। उन्होंने जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो को फोन कर बताया कि मौजूदा हालात के चलते वह देश छोड़कर आने में असमर्थ हैं। उन्होंने कोनो से यह भी अनुरोध किया कि वह भारत के साथ तनाव को कम करने में मदद करें। बता दें कि कुरेशी 24-27 फरवरी के बीच जापान की यात्रा पर जाने वाले थे।
बता दें कि आतंकवादी हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के अंदर जैश-ए-मुहम्मद के मुख्यालय और प्रशिक्षण शिविरों को ध्वस्त करके 300 से अधिक आतंकी को मार गिराया। उनके कई ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। अातंकी शिविरों पर हमले से बौखलाए पाकिस्तानी वायु सेना का विमान एफ-16 भारत की सीमा में घुसने का दुश्साहस किया, इससे भारतीय वायु सेना ने मार गिराया। पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गया है। उसकी सभी अतंरराष्ट्रीय मंचों से निंदा हो रही है। उस पर उसके देश में सक्रिय आतंकी संगठनों को ध्वस्त करने की मांग तेज हो गई है।
ईयू ने भी लताड़ा, बोला-आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करके दिखाओ
उधर, पुलवामा आतंकी हमले के बाद यूरोपीय संघ (ईयू) ने पाकिस्तान से दो टूक कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई करे। इसमें पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले संगठन पर भी कार्रवाई करने के लिए कहा है। यूरोपीय आयोग की उपाध्यक्ष और संघ के विदेश मामलों एवं सुरक्षा नीति की उच्च प्रतिनिधि फेडेरिका मोघेरिनी ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से बात की और साफ कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले की जिम्मेदारी का दावा करने वाले व्यक्तियों पर भी कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ की नीति हमेशा पाकिस्तान और भारत के बीच मतभेदों को सुलझाने के लिए एक संवाद को बढ़ावा देने की रही है।
एफएटीएफ ने भी पाक के खिलाफ दिखाए सख्त तेवर
आतंकी संगठनों को आर्थिक मदद पर नजर रखनेवाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टेकन फोर्स (एफएटीएफ) ने भी कड़े तेवर दिखाते हुए पाक से कार्रवाई के लिए कहा है। संस्था ने कहा कि आतंकियों की पनाहगाह बन चुका पाकिस्तान इसे लेकर गंभीर नहीं दिखता। जरूरत है कि अल-कायदा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों पर सख्त एक्शन लिया जाए। इस तरह से पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव बढ़ता जा रहा है।
अमेरिका ने दी पाक को हिदायत
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को हिदायत देते हुए कहा था कि पुलवामा में जैश-ए-मुहम्मद का हमला एक भयानक स्थिति की ओर इशारा करता है। ट्रंप ने आगे कहा कि ‘हमें इस पर लगातार रिपोर्ट मिल रही है, हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।’ राज्य के सचिव माइक पोम्पेओ, बोल्टन और व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने अपने अलग-अलग बयानों में पाकिस्तान को आतंकी संगठन जैश और उसके नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने और आतंकवादी सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करने को कहा है।
अफगानिस्तान ने भी पाक के दोेहरे चरित्र पर उठाए सवाल
पाकिस्तानी राजदूत ज़ाहिद नसरुल्लाह के साथ बैठक के बाद जारी एक बयान में अफगान विदेश मंत्रालय ने कहा था कि आतंकी हमला और शांति प्रक्रिया दोनों पाकिस्तान की प्रतिबद्धताओं के साथ विरोधाभास है। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस्लामाबाद ने अपनी धरती पर सक्रिय आतंकवादियों को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं। उधर, पाकिस्तान अधिकारियों ने हमले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है। बता दें कि पाक राजदूत नसरुल्ला ने मंगलवार को कहा था कि इस हमले के जवाब में भारत द्वारा किया गया कोई भी हमला इस पूरे क्षेत्र की स्थिरता को प्रभावित करेगा।