पुलिस स्टेशनों में बेकसूरों की संदिग्ध मौत पर HC ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट

हाईकोर्ट ने दिल्ली के पुलिस स्टेशन में पिछले कुछ महीनों में संदिग्ध हालात में मारे गए बेकसूर करीब आधा दर्जन लोगों को लेकर पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है.

हाईकोर्ट ने पूछा अब तक पुलिसवालों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है, जिनकी वजह से बेकसूरों की मौत हुई है. 3 हफ़्तों में दिल्ली पुलिस को जवाब दायर करना है. याचिकाकर्ता ने कहा कि इस तरह के मामलों में दिल्ली पुलिस बेकसूरों को अपना शिकार इसलिए बनाती है जिससे वह भ्रष्टाचार के मामलों में ज्यादा से ज्यादा पैसे की उगाही कर सके.

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में सिलसिले वार ढंग से बताया है कि दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में अप्रैल से अब तक करीब आधा दर्जन मामलों में लोगों ने पुलिस स्टेशन में या तो अपनी जान गवाई है या फिर पुलिस के टॉर्चर से तंग आकर आत्महत्या कर ली है. याचिकाकर्ता अजय गौतम ने हाईकोर्ट के सामने कुछ तथ्य रखे हैं, जिसमें बिना किसी एफआईआर या शिकायत के किसी व्यक्ति को पुलिस थाने उठाकर ले आई और वहां पुलिस स्टेशन में उसकी संदिग्ध हालत में मौत हो गई.

याचिकाकर्ता का कहना है कि इस तरीके के मामले में दिल्ली पुलिस के सीनियर अफसर ही कार्रवाई करने के बजाय अपने जूनियर पुलिस अधिकारी की करतूत छुपाने में लग जाते हैं. इस तरह के मामले में अक्सर पुलिसकर्मियों के खिलाफ न ही कोई एफआईआर दर्ज होती है न ही डिपार्टमेंटल इन्क्वारी होती है. थाने में पुलिस की मौजूदगी में किसी व्यक्ति की संदिग्ध मौत के मामलों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट इसी साल अप्रैल में गाइडलाइंस जारी कर चुका है.

हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिसकर्मियों की शिकायत और उस पर कार्रवाई ना होने को लेकर कुछ वक्त पहले एक जनहित याचिका लगाई गई थी, जिसका निपटारा करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में गाइडलाइंस भी बना दी थीं लेकिन कोर्ट के तमाम निर्देशों और गाइडलाइंस के बावजूद भी इस तरह की घटनाओं पर लगाम नहीं लग सकी और इसीलिए नाराज कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा है कि अप्रैल से अब तक इस तरह के मामलों में पुलिस विभाग द्वारा अपने पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है. कोर्ट इस मामले में अब अगले साल जनवरी में सुनवाई करेगा.