बच्चे रात में लें पूरी नींद, ये टिप्स करेंगे मदद

नींद हमारे लिए कितनी जरूरी है, इसके बारे में हम सभी जानते हैं। आज 15 मार्च को world rest day के मौके पर नींद और इससे जुड़े तमाम मुद्दों पर दुनियाभर में चर्चा की जाती है। इतनी भागदौड़ भरी जिंदगी में पूरा आराम न मिलना हर किसी के लिए एक चुनौती है। ऐसे में बच्चे और टीनेजर्स की नींद पूरी न होना मां-बाप के लिए बड़ी चिंता का सबब है। इस मामले में आपकी मदद के लिए हम यहां कुछ टिप्स दे रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप बच्चों को पूरी नींद सोने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। आइए जानते हैं इन्हें

बेड टाइम का नियम बनाएं : 2017 में कनाडा में हुए एक अध्ययन में देखा गया कि जो मां-बाप बच्चों के बेडटाइम का नियम के प्रति सतर्क होते हैं उनके साथ कम सोने जैसी समस्या नहीं आती है। यह अध्ययन ऐसे 1622 पैरेंट्स पर किया गया, जिनके कम से कम एक बच्चे की उम्र 18 साल से कम थी।

स्क्रीन टाइम कम करें : स्क्रीन टाइम का नींद में बहुत बड़ा योगदान है। इस मामले पर किए गए कई अध्ययनों में यह साफ हुआ है कि स्क्रीन टाइम में इजाफा कम नींद के लिए जिम्मेदार है। खासतौर से बच्चों में यह समस्या आम है। इस साल के शुरू में यूरोप में हुए अध्ययनों में कहा गया है कि जो बच्चे रात में सोने से पहले लैपटॉप, टैबलेट या स्मार्टफोन पर अधिक समय बिताते हैं उनकी स्लीप क्वालिटी प्रभावित हो जाती है।

बच्चे मम्मी-पापा के कमरे में ही सोएं तो अच्छा : पिछले साल हुए एक अध्ययन में कहा गया है कि जो बच्चे जन्म के बाद के 6 माह तक अभिभावकों के साथ सोते हैं, उन्हें 6 से 8 साल की उम्र में नींद या व्यवहार संबंधी समस्याएं कम होती हैं। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि मम्मी-पापा के साथ एक ही कमरे में सोने का बच्चों पर सकारात्मक असर होता है और उनकी स्लीप क्वालिटी भी अच्छी रहती है।

हेल्दी डाइट के लिए करें प्रेरित : टीनेज में कदम रखने वाले बच्चे काफी मूडी हो जाते हैं। ऐसे में उनका खानपान काफी प्रभावित होता है। पिछले साल यूननी बच्चों पर बड़े पैमाने पर अध्ययन किया गया, जिसमें 8 से 17 साल की उम्र के 177091 बच्चे शामिल थे। इसमें कहा गया कि 40 फीसदी बच्चे अधूरी नींद का शिकार थे। सिर्फ इतना ही नहीं, सभी उम्र में छात्र और छात्राएं दोनों खानपान की खराब आदतों, जैसे ब्रेकफास्ट नहीं करना, फास्ट फूड ज्यादा खाना और मीठा अधिक खाने के कारण अधूरी नींद के शिकार थे। इसके साथ ही मोटापा और सक्रीन पर ज्यादा समय बिताने के कारण भी नींद में परेशानी थी।