बच्चों के दिमागी विकास में मदद करता है ओमेगा-3

ओमेगा-3 पोषक तत्व प्राकृतिक रूप से शरीर में नहीं बनता। इसलिए इसकी पूर्ति आहार के जरिए करना जरूरी होता है। ओमेगा-3 के फायदे और इसे कितना और कैसे खाएं, जानें डॉ. दर्शनी प्रिय से

ओमेगा-3 फैटी एसिड को आमतौर पर ओमेगा-3 भी कहते हैं। यह पॉली-अनसैचुरेटेड वसा का रूप है, जो शरीर के लिए बेहद जरूरी है। यह शरीर में मौजूद कोशिकाओं की झिल्ली या बाहरी परत (सेल मेम्ब्रेन) का अभिन्न हिस्सा है। यह शाकाहारी व मांसाहारी दोनों स्रोतों से आसानी से मिल जाता है।

आमतौर पर ओमेगा-3 तीन तरह का होता है। एएलए, मुख्य रूप से वनस्पति से मिलता है। डीएचए, मुख्यत: समुद्री भोजन से मिलता है। इपीए, मांसाहार से मिलता है।

अलसी: ओमेगा-3 का अच्छा स्रोत है अलसी। एक चम्मच अलसी के बीज में 1597 मिलीग्राम ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। इसमें ओमेगा-3 के अलावा विटामिन ई और मैग्नीशियम भी पाया जाता है।

सोयाबीन: इसमें ओमेगा-3 व ओमेगा 6 फैटी एसिड होता है। इसकी 100 ग्राम मात्रा से ओमेगा 3 की लगभग 1443 मिलीग्राम जरूरत पूरी हो जाती है। यह सोयाबीन, प्रोटीन, विटामिन, फोलेट, मैग्नीशियम और पोटैशियम का भी अच्छा स्रोत है।

फूलगोभी : 100 ग्राम फूलगोभी से करीब 37 मिलीग्राम ओमेगा-3 मिलता है। इसमें मैग्नीशियम, नियासिन व पोटैशियम भी होता है।

अंडा: एक अंडे से करीब 225 मिलीग्राम फैटी एसिड मिलता है। कोलेस्ट्रॉल की समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह से ही अंडा खाएं।

इनके अलावा सूखे मेवे, मूंगफली, सूरजमुखी, सरसों के बीज, अंकुरित अनाज, टोफू, बीन्स, शलजम, हरी पत्तेदार सब्जियां, रसभरी, मछली व गाय के दूध में ओमेगा-3 पाया जाता है।