मोबाइल फोन में अपने आप एक ऐप इंस्टॉल हो जाने पर बैंक खाते से 60,000 रुपये गायब

गुरुग्राम में साइबर फ्रॉड का एक बेहद हैरतअंगेज मामला सामने आया है। यहां 52 वर्षीय एक व्यवसायी के मोबाइल फोन में अपने आप एक ऐप इंस्टॉल हो जाने के बाद उनके बैंक खाते से 60,000 रुपये गायब हो गए।

पुलिस ने बताया कि कथित रूप से पीड़ित व्यवसायी द्वारा यह ऐप तब इंस्टॉल किया गया था, जब ठगों ने इनकम टैक्स विभाग का अधिकारी होने का नाटक करते हुए उनके स्मार्टफोन पर भेजे गए लिंक पर क्लिक करने को कहा था।

इस ठगी के मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी एएसआई मोहम्मद आजाद ने कहा कि सितंबर 2018 में हुई इस धोखाधड़ी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत सेक्टर-10 पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई है।

52 वर्षीय पीड़ित हरीश चंद्र को इस ठगी का पता 10 सितंबर को 2018 को तब लगा जब दो ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में उनके बैंक खाते से 60,000 रुपये उड़ा लिए गए।

अपने आप इंस्टॉल हो गया ऐप

हरीश चंद्र ने कहा कि मुझे अपने फोन नंबर पर लगभग 2.30 बजे एक ओटीपी मिला, जो अपने आप दूसरे नंबर पर भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि घटना से लगभग तीन दिन पहले, उन्हें एक मैसेज मिला था जिसमें कहा गया था कि आयकर रिटर्न जमा किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मुझे एक लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा गया था, और एक बार जब मैंने उस पर क्लिक किया तो एक ऐप इंस्टॉल हो गया। पीड़ित व्यवसायी ने कहा कि बाद में जब वह खाते से पैसे कटने के बारे में शिकायत करने के लिए बैंक गए तो बैंक अधिकारियों ने उसे बताया कि उसने पैसे ठगों द्वारा उड़ा लिए गए हैं, क्योंकि उसका फोन ऐप द्वारा हैक कर लिया गया था।

ठगों का नंबर हुआ ट्रैक

एएसआई ने कहा कि हमने उस नंबर को ट्रैक कर लिया है, जिस पर ओटीपी अपने आप भेजा गया था। जांच में पाया गया कि नंबर पुणे में रजिस्टर्ड है। लेकिन पुलिस अभी तक मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं कर सकी है।

संदिग्ध लिंक पर क्लिक नहीं करें

दिल्ली में इंटरनेशनल कॉलेज फॉर सिक्योरिटी स्टडीज़ के निदेशक राज सिंह नेहरा ने कहा कि आजकल हैक डिवाइसों के लिंक भेजना एक आम बात है। हालांकि, हमें केवल एक लिंक दिखता है, लेकिन उसमें सैकड़ों बैक लिंक होते हैं, जो कि उपयोगकर्ता को दिखाई नहीं देते हैं। आखिरकार, उपयोगकर्ता की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हैक हो जाती है। हैकर अवैध गतिविधियों के लिए हैक किए गए डिवाइस से डेटा तक पहुंच सकता है। नेहरा ने यह भी कहा कि लोगों को किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए, अन्यथा वे ऐसी धोखाधड़ी के शिकार बन सकते हैं।