पेंशन बहाली की मांग 18 साल पुरानी

स्वामीनाथ शुक्ल | hdnlive
अमेठी। नई पेंशन योजना 18 साल पहले लागू हो चुकी है। लेकिन कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की मांग पर अबतक अडे है। उत्तर प्रदेश में 14 लाख कर्मचारी है। बाकी देश में 70 लाख कर्मचारी है। एनडीए सरकार की नई पेंशन योजना 2005 से लागू हैं। तब केरल और बंगाल को छोड़कर बाकी प्रदेशों में नई पेंशन योजना लागू की गई थी। इस पेंशन योजना में आइएएस और आइपीएस अधिकारी भी आते हैं। लेकिन सांसद, विधायक, सेना आदि पुरानी पेंशन योजना में है। जिससे कर्मचारी नेताओं का कहना है कि कानून सब के लिए बराबर होना चाहिए। पुरानी पेंशन बहाली(pension restoration) संयुक्त मोर्चा गुरुवार को जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। पेंशन बहाली को लेकर देशभर में बहुत संगठन बने हैं। इसमें कई संगठन को जोड़कर संयुक्त मोर्चा बना है।

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मोर्चे के संयोजक पीयूष तिवारी ने कहा कि पुरानी पेंशन में मूल वेतन के 10 फीसदी में 14 फीसदी सरकार जोड़कर 24 फीसदी जमा करती है। वेतन का आधा पेंशन देती है। लेकिन नई पेंशन योजना में कर्मचारी के जमा राशि से 60 फीसदी दिया जाता है। संगठन के जाहिर खान ने बताया कि अवर अभियंता छोटे लाल का अंतिम वेतन 70 हजार 83 रुपए था। लेकिन पेंशन दो हजार रुपए पाते हैं। जिससे छोटे लाल अदालत गए हैं। आंदोलन से जुड़ी एक अवर अभियंता ने बताया कि नई पेंशन योजना का पैसा सरकार तीन कंपनियों को दे रही है। इसमें एसबीआई पेंशन फंड स्कीम, एलआइसी पेंशन फंड स्कीम और यूटीआई पेंशन फंड स्कीम है। लेकिन कंपनियों पर भरोसा नहीं है। पेंशन देगी या फरार हो जाएगी। इस मौके पर प्रियंका यादव, सपना विश्वकर्मा, प्रिया दुबे,जिलाजीत, गौरव, अंकुर बरनवाल आदि सैकड़ों नेता मौजूद थे।