40 के बाद कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए अलग से लें इंश्योरेंस

बदलती जीवन शैली के कारण कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां तेजी से बढ़ी है। इसके लिए आमतौर पर लोग कैंसर से जुड़ी बीमा पॉलिसी ले लेते हैं। बीमा कंपनियां कैंसर प्लान भी ऑफर करती हैं और 20-22 से ज्यादा बीमारियों से सुरक्षा देने वाला क्रिटिकल इनलेस प्लान भी देती हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, कैंसर की किसी विशेष पॉलिसी से बेहतर क्रिटिकल इनलेस प्लान है। यह कैंसर पॉलिसी से 20 फीसदी तक महंगा जरूर होता है, लेकिन व्यापक कवरेज देता है। इसकी प्रतीक्षा अवधि पॉलिसी जारी होने के 90 दिनों के बाद होता है।

तेजी से बढ़ रहा कैंसर: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रोटेक्शन एंड रिसर्च के मुताबिक, वर्तमान में देश में कैंसर मरीजों की संख्या 22.5 लाख है। यह रोग किसी तेजी से बढ़ रहा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हर साल 11.5 लाख लोग कैंसर रोग से ग्रसित हो रहे हैं।

क्रिटिकल इलनेस प्लान में ये बीमारी होती है कवर

क्रिटिकल इलनेस प्लान में शामिल बीमारियों की संख्या हर कंपनी के मामले में अलग-अलग हो सकती है। हालांकि, इसमें कैंसर, स्ट्रोक, हार्ट अटैक, अंग प्रत्यारोपण, किडनी फेलियर, हार्ट वॉल्व आदि कवर होता है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का पता हमेशा दूसरे या तीसरे स्टेज में होता है। इस हालात में क्रिटिकल इनलेस प्लान 100 फीसदी खर्च का वहन करता है। दूसरा बड़ा फायदा है कि इसके अंतर्गत 30 से 35 गंभीर बीमारियों भी कवर होती है।

क्या कवर होता है?

आम तौर पर लोग बेसिक हेल्थ इन्श्योरेंस प्लान 4 या 5 लाख रुपये का लेते हैं। लेकिन गंभीर बीमारी जैसे कैंसर या किडनी फेल होने पर इलाज के लिए इतनी रकम पर्याप्त साबित नहीं होती है। इसलिए बेसिक हेल्थ कवर के साथ क्रिटिकल इलनेस प्लान भी लेना चाहिए। साधारण कैंसर पॉलिसी मुख्य रूप से कैंसर के शुरुआती इलाज खर्च को देखते हुए प्लान किया गया है। इस प्लान के तहत बीमा धारक को इलाज के दौरान एकमुश्त राशि का भुगतान किया जाता है। यह बीमारी के शुरुआती चरण में सिर्फ 20 से 30 फीसदी खर्च की गई राशि का वहन करता है।

40 पार में लें ये कवर

अगर आपकी उम्र 40 वर्ष हो गई है तो क्रिटिकल प्लान लेने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। इसका कारण यह है कि 40 वर्ष की उम्र के बाद गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।