HDN Live: आकांक्षा दुबे (Akansha Dubey suicide) को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गायक समर सिंह (Samar singh) को शनिवार की शाम भारी गहमागहमी के बीच रिमांड मजिस्ट्रेट तृप्ति सिंह की अदालत में पेश किया गया। उसे 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने इससे पहले समर सिंह को 72 घंटे की कस्टडी रिमांड पर लिया था। अदालत ने सारनाथ थाने से संबंधित कोर्ट के समक्ष 10 अप्रैल को प्रार्थना पत्र पेश करने के लिए कहा है। साथ ही उसने समर सिंह की ओर से पेश की गई जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।
आकांक्षा दुबे की मौत के मामले में, 26 मार्च को उनके शव को सारनाथ स्थित एक होटल के कमरे में फंदों से लटका हुआ पाया गया था, जहाँ वे भोजपुरी फिल्म की शूटिंग के लिए वाराणसी आई थीं। 27 मार्च को, आकांक्षा दुबे की मां मधु दुबे ने एक तहरीर के जरिए उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में आजमगढ़ के मेंहनगर निवासी भोजपुरी गायक समर सिंह और बिलरियागंज क्षेत्र के गद्दोपुर निवासी संजय सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। दर्ज होने के बाद, समर सिंह और संजय सिंह भूमिगत हो गए।
संजय सिंह की तलाश जारी
समर सिंह, जो अपने रिश्तेदार के घर ठहरने गए थे, को छह अप्रैल रात को गाजियाबाद में पुलिस ने घेराबंद कर गिरफ्तार कर लिया। उसे गिरफ्तार करने के बाद, उसे गाजियाबाद की अदालत में पेश किया गया और पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर ले जाया गया, जहाँ से उसे शनिवार की सुबह वाराणसी ले जाया गया। लगभग सात घंटे की पूछताछ के बाद, पुलिस ने समर सिंह को रिमांड मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया। दूसरी ओर, सारनाथ थाने की पुलिस और क्राइम ब्रांच की तीन टीमों द्वारा संजय सिंह की तलाश जारी है।
जब सूचना मिली कि समर सिंह को अदालत में पेश किया जाएगा, तो आकांक्षा दुबे के समर्थकों की भारी संख्या कचहरी परिसर में इकट्ठी हो गई। कचहरी परिसर में भारी संख्या में पुलिस और पीएसी के जवान भी तैनात किए गए थे। समर को देखते ही आकांक्षा दुबे के प्रशंसकों ने हमला करने की कोशिश भी की। हालांकि, पुलिस बल के तैनात होने के कारण किसी को भी सफलता नहीं मिली। समर सिंह की पेशी के बाद, पुलिस ने उसे वाहन में बैठाकर जिला जेल ले गई। इस दौरान पत्रकारों ने समर से आकांक्षा दुबे की मौत के संबंध में सवाल पूछे, लेकिन उसने चुप्पी साधी।
आकांक्षा दुबे की मां ने दर्ज कराया मुकदमा
आकांक्षा दुबे की मां ने दर्ज कराया गया मुकदमा नि:शुल्क लड़ने के लिए घोषणा की है, जिसे अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी द्वारा पेश किया गया है। शनिवार को शशांक शेखर त्रिपाठी ने बताया कि मधु दुबे की मां द्वारा सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभु नारायण पांडेय, महामंत्री शशिकांत दुबे, अनिल पांडेय, अशोक यादव, विनय कुमार त्रिपाठी, गुड्डू चेग्वारा, आलो सौरभ पांडेय और मिथिलेश श्रीवास्तव ने वकालतनामा दाखिल किया है।
पुलिस के अनुसार, आकांक्षा दुबे की आत्महत्या के मामले की सच्चाई तभी सामने आएगी जब उनके आरोपी समर सिंह से गहन पूछताछ की जाएगी। 10 अप्रैल को, अदालत में सबूतों के प्रस्तुतिकरण कर बाद में समर सिंह को 72 घंटे की पुलिस हिरासत में रखने का अनुरोध किया जाएगा। अभी तक की जांच में, समर से कोई सटीक जानकारी प्राप्त नहीं की गई है। उनके मोबाइल कॉल डिटेल के साथ-साथ उनका डेटा भी पुनर्प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है। भ पांडेय और मिथिलेश श्रीवास्तव ने अपने वकालतनामे दाखिल किए हैं।
समर सिंह ने पुलिस की पूछताछ में उन बातों को दोहराया जो उन्होंने गाजियाबाद में पहली पूछताछ में बताए थे। उन्होंने बताया कि उनके और आकांक्षा के बीच कोई विशेष संबंध नहीं था। वे सिर्फ कामकाज के संदर्भ में बातचीत करते थे। समर सिंह ने कहा कि जब दोनों के संबंध अच्छे थे तो उन्होंने आकांक्षा की मदद की, जैसे चारपहिया वाहन खरीदना और मुंबई में फ्लैट खरीदना। उनका कोई आकांक्षा से लेना-देना नहीं है और उन्हें गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। उन्होंने पुलिस से कहा कि उनका भविष्य सुनियोजित ढंग से बर्बाद किया जा रहा है। उन्हें अदालत पर भरोसा है।