Bihar BPSC की परीक्षा रद्द : एग्जाम से पहले ही सोशल मीडिया पर पेपर वायरल हुए

पटना (hdnlive) : बिहार (Bihar) का लोक सेवा आयोग (BPSC) एक बार फिर चर्चाओं में है। एक बार फिर पेपर लीक की खबर ने राज्य का छवि पर दाग लगा दिया है। दरअसर रविवार को 67वीं संयुक्‍त प्रारंभिक परीक्षा (BPSC 67th Combined Preliminary Examination) की परीक्षा होनी थी लेकिन एग्जाम से पहले ही पेपर सोशल मीडिया (social media) पर वायरल हो गया। अलग-अलग टेलीग्राम ग्रुप्स (Telegram group) पर प्रश्न पत्र वायरल किए गए थे। जैसे ही परीक्षा खत्म हुई तो वायरल पेपर से इसको मिलाया गया और दोनों पेपर मैच कर गए। वहीं, पेपर लीक होने की खबर मिलते ही सियासत में भी भूचाल आ गया। बीपीएससी की तरफ से भी मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी गई है। 24 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा गया है।

परीक्षा पहले ही मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को वायरल पेपर की एक कॉपी मेल
जानकारी के मुताबिक रविवार को पेपर खत्म होने से पहले ही अलग-अलग टेलीग्राम ग्रुप पर यह वायरल हो गया। मेन पेपर से वायरल पेपर मैच भी कर रहे थे। परीक्षा शुरू होती, इससे पहले ही छात्र संगठन ने 10 मिनट पहले ही मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar) को वायरल पेपर की एक कॉपी मेल कर परीक्षा को कैंसिल करने की मांग की। वहीं, भोजपुर में वीर कुंवर सिंह कॉलेज में परीक्षा केंद्र पर छात्रों ने जमकर बवाल काटा। उन्होंने कई गंभीर आरोप लगाए और कहा कि खुलासा करने पर उन्हें अथॉरिटी की तरफ से फंसाने की धमकी दी जा रही है।

पहले से ही कुछ छात्र पेपर हल कर रहे थे
परीक्षार्थियों का आरोप है परीक्षा केंद्र पर दो अलग-अलग कमरे में छात्र बैठाए गए थे। परीक्षा शुरू होने के कुछ मिनट तक उन्हें पेपर ही नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने हंगामा शुरू किया और उन कमरों में घुस गए जहां पहले से ही कुछ छात्र पेपर हल कर रहे थे। आरोप लगाया जा रहा है कि इन परीक्षार्थियों को पहले से ही प्रश्‍न पत्र मिल गया था। इसकी जैसे ही सूचना प्रशासन तक पहुंची डीएम रोशन कुशवाहा केंद्र पर पहुंचे और सभी प्रश्न पत्रों को सील कर दिया।

आयोग ने जांच कमेटी बनाई
दूसरी तरफ, हंगामा बढ़ने पर बिहार लोक सेवा आयोग के संयुक्त सचिव और परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने कहा कि उन्हें मीडिया के जरिए पेपर लीक होने की बात बता चली। इस मामले को लेकर हम गंभीर हैं। आयोग के अध्यक्ष आरके महाजन ने जांच कमेटी बनाई है। इस कमेटी में तीन सदस्य हैं। जो मामले की जांच कर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देंगे। इसके बाद ही आयोग कोई फैसला करेगा।