Bird Flu: दिल्ली अलर्ट, 11 जिलों में बनाई गई रैपिड रिस्पॉन्स टीम

नई दिल्ली (hdnlive) : भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस फॉलो करने के अलावा डॉक्टर्स की टीम रेगुलर सर्विलांस कर रही है. विभाग द्वारा दिल्ली के 11 जिले में रैपिड रिस्पॉन्स टीम बना दी गई है.

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और हरियाणा(Haryana) के बाद बर्ड फ्लू को लेकर दिल्ली सरकार भी अलर्ट हो गई है. पड़ोसी राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद दिल्ली में एनिमल हसबेंडरी विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है. विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस फॉलो करने के अलावा डॉक्टर्स की टीम रेगुलर सर्विलांस कर रही है.

विभाग द्वारा दिल्ली के 11 जिले में रैपिड रिस्पॉन्स टीम बना दी गई है. ये टीम किसी भी तरह की घटना की जानकारी तुरंत मुहैया कराएगी. विभाग के मुताबिक, रैपिड रिस्पॉन्स टीम के अलावा एनिमल हसबेंडरी विभाग के 48 डॉक्टर्स पूरी दिल्ली में अलग-अलग इलाकों में अपने स्तर पर भी सर्विलांस कर रहे हैं.

अधिकारियों के मुताबिक, अबतक दिल्ली में बर्ड फ्लू के किसी भी केस की जानकारी नहीं मिली है. अगर किसी घटना की कॉल रिपोर्ट की जाती है, तो डॉक्टर्स की टीम सैंपल कलेक्ट करेगी और लैब को भेजेगी. उधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इंसानों में भी बर्ड फ्लू फैल सकता है. ऐसे में हमें सावधान रहने की जरूरत है.

बता दें कि देश कोरोना वायरस के खिलाफ जंग तो लड़ ही रहा है और इसी बीच बर्ड फ्लू का भी खौफ बढ़ता जा रहा है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल और केरल तक बर्ड फ्लू से दहशत मच गई है जिसे देखते हुए राज्य सरकारों ने अलर्ट जारी किया है. केरल ने तो इसे राजकीय आपदा घोषित कर दिया है. इन राज्यों में बड़ी संख्या में कौओं और अन्य पक्षी मरे हुए पाए गए हैं.

वहीं, केंद्र सरकार ने राज्यों को अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि जिन इलाकों में बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौतें हो रही हैं, वहां से सैंपल लेने की जरूरत है. अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में फ्लू के लक्षणों वाले लोगों की पहचान करने के लिए अभियान भी शुरू किया है. राज्य सरकारों ने उन क्षेत्रों में कुछ प्रतिबंध लागू करने के भी आदेश दिए हैं जहां पक्षियों की मौत के मामले सामने आए हैं.

बता दें कि एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) वायरस का एक सबटाइप है जो खास तौर से पक्षियों के जरिए फैलता है. यह बीमारी पक्षियों के बीच बहुत तेजी से फैलती है और अत्यंत घातक हो सकती है. पक्षियों से ये बीमारी इंसानों में भी फैलती है. इस वायरस की पहचान पहली बार 1996 में चीन में की गई थी. एशियाई H5N1 मनुष्यों में पहली बार 1997 में पाया गया जब हांगकांग में एक पोल्ट्री फॉर्म की मुर्गियां संक्रमित हो गई थीं.