बच्चों ने 33 विकसित देशों पर किया मुकदमा दर्ज़

By Pooja Kumari

Hdnlive|Portugal Children sued 33 developed countries: आज के समय में ज्यादातर युवा और वयस्क सोशल मीडिया,गेम्स, बाहरी दिखावट और चका चौंध भरी ज़िंदगी में व्यस्त रहते है,अपनी ज़िंदगी को बेहतर बनाने में व्यस्त रहते है और हम सभी स्वार्थ भरी ज़िंदगी जीने में व्यस्त है। हम भूल रहे है की हमारा जीवन-चक्र(Life Cycle) सिर्फ पैसा,शोहरत,गाड़ी या दिखावा से नहीं चल सकता। पृथ्वी पर जीवन का मूल आधार है हमारा पर्यावरण(Climate)।तीसरी या चौथी कक्षा में तो अपने पढ़ा ही होगा की कैसे पर्यावरण हमारे जीवन के लिए जरुरी है।शायद आप भूल  गए है पर्यावरण के महत्व को। शायद इसलिए हम सब अपने व्यस्त जीवन में इतने व्यस्थ है की अपने जलवायु में हो रहे परिवर्तन(Climate change) को नज़रअंदाज़ कर रहे है और इसे बद से बत्तर बनाने में अपना पूरा योगदान दे रहे है। मगर पुर्तगाल के कुछ बच्चे (Portugal kids) जलवायु में हो रहे परिवर्तन को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है।

Portuguese kids5

ख़ैर, आप तो व्यस्त है तो इसलिए पुर्तगाल के कुछ बच्चों ने हमारे पर्यावरण को बचाने का जिम्मा उठाया है। उन्होंने एक बड़ा कदम उठाया जो विकसित देशों को तो ये छोटी बात लगी मगर बड़े-बड़े न्यूज़ चैनल बच्चों की ओर आकर्षित हो रहे है। सोफ़िया,आंद्रे,क्लाउडिया और उनके भाई-बहन पुर्तगाल में रहने वाले युवा और बच्चे है। इन 6 लोगो ने 33 देशो पर जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दे पर मुकदमा  दर्ज़ किया है।  2017 में हुए पुर्तगाल के जंगल में भीषण आग लगी थी जिससे लगभग 110 लोगो की मृत्यु हो गई,कई गंभीर रूप से घायल हो गए और लगभग 485 घर जल गए। इस भीषण आपदा के कारण वहां  की जलवायु में परिवर्तन आया और इससे चिंतित बच्चो और वयस्कों ने यूरोपीय संघ के मानव अधिकार अदलात में जलवायु परिवर्तन से जुड़ा पहला मुकदमा दर्ज किया।

Portuguese kids4
सोफ़िया और आंद्रे

संभवतः आपको पता ही होगा की जलवायु परिवर्तन सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक पर्यावरणीय चुनौतियों में एक है जिसका प्रभाव खाद्य उत्पादन, जल आपूर्ति, स्वास्थ्य, ऊर्जा, आदि पर पड़ता है। ग्रीनहाउस प्रभाव और वैश्विक तापन को मनुष्य की क्रियाओं का परिणाम माना जा रहा है। जो औद्योगिक क्रांति के बाद मनुष्य द्वारा उद्योगों से कार्बन डाई आक्साइड आदि गैसों के वायुमण्डल में अधिक मात्रा में बढ़ जाने का परिणाम है। जलवायु परिवर्तन के खतरों के बारे में वैज्ञानिक लगातार आगाह करते आ रहे हैं।  मगर विश्व के सभी देश कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे है। यही उन बच्चों का कहना है।

portugal wildfire people died

2017 की जंगल की आग में 53000  हेक्टेयर भूमि जल गई, जीव भी जल कर राख़ हो गए और मानव जीवन को भी नुकसान पंहुचा।  इस आग के लगने से आसपास की जलवायु में भी परिवर्तन आय। भीषण गर्मी होने से आग की लपटे और ज्यादा फैल गई। सोफ़िया और आंद्रे का कहना है की आग लगने से हम काफी डर गए थे क्योकि हमने  टीवी पर सबको दुखी देखा था। और हम उन लोगों से ज्यादा दूर नहीं थे।

portugal wildfire 2017 report

क्लाउडिया का कहना है की “इस खूबसूरत जगह को बर्बाद होता देखकर मन दुखी होता है, ये जले हुए जंगल इस बात की निशानी है की अगर कुछ नहीं किया गया तो ऐसा बार बार होगा सिर्फ यहाँ ही नहीं धरती पर हर जगह। हमे अब इसके खिलाफ लड़ना ही है।” पुर्तगाल में पहले से ज्यादा गर्मी होने लगी है जिससे आग लगने का खतरा बनता ही रहता है और इसका जिम्मेदार क्लाउडिया सिर्फ जलवायु परिवर्तन को ही ठहराती है।

“हम उन्हें मौका दे रहे है की जो उन्होंने कहा है वो पूरा कर सके पर अपने वादा पर खरे उतर सके। ये उनके लिए खतरा नहीं है और उनपर हमला नहीं है, ये उनके लिए बस एक मौका है”

बीबीसी के इंटरव्यू में आंद्रे कहते है की हम अपना प्राकृतिक हिस्सा गवां रहे है और में चाहता हूँ की जैसे हमारे पूर्वज प्राकृतिक संसाधनों के साथ रहे है वैसे ही हम और आने वाली पीढ़ी भी रहे। अगर वयस्क लोग सही काम नहीं कर रहे है तो हम बच्चों और युवाओं को सही काम करना चाहिए। इसलिए हम बच्चों ने मुकदमा किया ,वयस्कों ने नहीं।

याचिकाकर्ताओं का तर्क है की यूरोपीय संग के 33 देशो की सरकारों ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को रोकने के लिए कोई पर्याप्त कदम नहीं उठाया है। इससे मानवाधिकार कन्वेशन के तहत मिले बच्चों को जीवन के अधिकार,निजता और बराबरी के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। हालांकि अदालत ने बच्चों के मुक़दमे को स्वीकार कर लिया है और हम उम्मीद करते है की हम जीत जाये क्योकि ये बहुत बड़ी बात होगीऔर अगर हम नहीं जीते तब भी हम दूसरे लोगो के लिए एक अनुकरणीय उद्धरण बनेंगे और इसका प्रभाव ऐसा होगी की बढ़ता ही जायेगा। 

आंद्रे और सोफ़िया कहते है की COP-26 (Environmental Change Conference) में दुनिया भर के नेताओ ने जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए वादे किये थे,वास्तव में वो अपने वदो को पूरा करने में नाकाम रहेंगे इसलिए हमने उन पर मुकदमा किया है। क्योकि अगर वो अपना वो अपना वादा पूरा नहीं कर सकते है तो वो कुछ नहीं कर सकते है। “हम उन्हें मौका दे रहे है की जो उन्होंने कहा है वो पूरा कर सके पर अपने वादा पर खरे उतर सके। ये उनके लिए खतरा नहीं है और उनपर हमला नहीं है, ये उनके लिए बस एक मौका है”।