DJB  लाइव टैब से लेंगे मीटर की फोटो, वहीं निकलेगा बिल

मीटर रीडर्स के खिलाफ बढ़ती शिकायतों के बाद डीजेबी ने उन्हें कंप्यूटर टैब देने शुरू कर दिए हैं। अगले महीने के पानी के बिल डीजेबी टैब से ही बनाएगी। इसके लिए कई क्षेत्रों के मीटर रीडर्स को करीब 800 टैब दे दिए हैं। कर्मियों को ट्रेनिंग भी दी गई है ताकि वे इसका इस्तेमाल ठीक से कर सकें।

डीजेबी ने जून 2017 की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी। इसका मकसद मीटर रीडर्स की मनमानी पर रोक लगाना और रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम में ट्रांसपेरेंसी लाना है। इसके लिए मीटर रीडर्स को ऐंड्रॉयड बेस्ड टैब दिए जा रहे हैं। मीटर रीडर्स अब इस डिवाइस के साथ ही रीडिंग लेने पहुंचेंगे। रीडिंग लेने के लिए मीटर की लाइव फोटो टैब से लेनी होगी। इस तस्वीर के लेते ही मीटर की जीपीएस लोकेशन, समय आदि भी ऐप पर आ जाएगा। इस फोटोग्राफ को टेंपर नहीं किया जा सकता। न ही पहले से ली गई फोटो को ऐप में डाला जा सकता है।

मीटर रीडर्स को लेकर लोग सबसे अधिक शिकायत करते हैं जिसमें उनके मनमाने तरीके से रीडिंग लेने, मीटर रीडिंग गलत लिखने, तय तिथि से दो से तीन दिन देरी से पहुंचने आदि जैसी शिकायतें शामिल है जिसकी वह से कई लोगों को सब्सिडी नहीं मिलती। वहीं काफी लोग बिलों को ठीक करवाने के लिए डीजेबी के चक्कर लगाते रहते हैं। नई व्यवस्था के तहत लोगों का बिल मौके पर ही जेनरेट हो जाएगा। ऐसे में लोगों के सामने ही उनका बिल जेनरेट होने से गड़बड़ी की संभावना भी कम रहेगी।

डीजेबी के वाइस चेयरमैन दिनेश मोहनिया के अनुसार 800 टैब मीटर रीडर्स को दिए गए हैं। ऐसे में अब उन्हें रीडिंग लेने के लिए लोकेशन पर जाना ही होगा। वह मनमाने तरीके से रीडिंग नहीं लिख सकेंगे। जब तक मीटर की लाइव तस्वीर नहीं ली जाएगी बिल जेनरेट नहीं होगा। इससे बिल संबंधी गड़बड़ियां भी ठीक होंगी और लोगों के सामने उनके बिल बनाए जा सकेंगे। उन्हें मौके पर ही बिल दे दिए जाएंगे।