Ayodhya: भगवान श्रीराम की अयोध्या के राजा हनुमान

Hdn Live | स्वामीनाथ शुक्ल

अमेठी,22 अप्रैल। दुनिया में अयोध्या (Ayodhya) की पहचान मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम (Maryada Purushottam Shriram) और सीता मैया से जुड़ी है। राम दरबार में लक्ष्मण की भक्ति और भरत की शक्ति भी पूजी जाती है। लंका विजय के बाद भगवान राम सरयू नदी में स्नान किए थे। जिससे पितरों की तृप्ति और मुक्ति के लिए गया जगन्नाथ जाने वाले पहले सरयू नदी में स्नान करके पाप धुलते हैं। इसके बाद भरत की तपोस्थली भरतकुंड में पिंडदान के बाद आगे बढ़ते हैं। अयोध्या में सरयू नदी के दाहिने तट के सबसे ऊंचे टीले पर पहले एक गुफा थी। इसी गुफा से हनुमानजी(Hanuman) महाराज रामकोट और राम जन्मभूमि की सुरक्षा करते थे। लेकिन अब गुफा के स्थान पर मंदिर में पवनपुत्र विराजमान है।

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अयोध्या की जिम्मेदारी संभालते हैं हनुमान

कहा जाता है कि तीन सौ साल पहले महंत अभयाराम दास के सहयोग से गुफा के ऊपर मंदिर का निर्माण कराया गया था। इसमें 76 सीढ़ियों को चढ़ने के बाद हनुमानजी महाराज के दर्शन होते हैं। हनुमानजी की प्रतिमा केवल 6 इंच लंबी है। अंजनी पुत्र की प्रतिमा फूल मालाओं से भरी रहती है। मूर्ति के चारों तरफ परिपत्र गढ़े हैं। मंदिर परिसर में माता अंजनी की गोद में बाल हनुमान लेटे हैं। हनुमानजी की मूर्ति लाल रंग में है। हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम लंका विजय के बाद हनुमान जी के साथ लौटे थे। इसके बाद अयोध्या की सुरक्षा पवनपुत्र को सौंप दिए थे।तब से हनुमानजी अयोध्या की जिम्मेदारी संभालते हैं। इसी लिए हनुमान जी को अयोध्या का राजा(the king of Ayodhya) कहा जाता है।इनका दर्शन पूजन करने के बाद रामलला के दर्शन पूजन होते हैं। पहले बिना हनुमान जी के दर्शन के रामलला का दर्शन अधूरा माना जाता है। इसी लिए अयोध्या आने वाले सबसे पहले हनुमान जी महाराज का दर्शन करते हैं।

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” हनुमान अमर है “

राजू दास ने बताया कि हनुमानजी अमर है। ग्रंथों एवं शास्त्रों में इनके जीवित होने के प्रमाण है। यहां साक्षात हनुमान जी महाराज के दर्शन होते हैं। सुबह चार बजे से रात्रि 10 बजे तक मंदिर खुला रहता है। मंदिर तीन बजे खुल जाता है। लेकिन सबसे पहले हनुमान जी महाराज की गुप्त आरती होती है। इस आरती में आठ पुजारी होते हैं। मंदिर में गुप्त आरती का बहुत बड़ा रहस्य है। इस आरती में साक्षात हनुमान जी महाराज होते हैं। लेकिन मंदिर के पुजारी गुप्त आरती के रहस्य को किसी के सामने मुंह नहीं खोलते हैं।गुप्त आरती सन् 200 ई से चली आ रही है। हनुमानगढ़ी पंचायती अखाड़े का गढ़ है। इसमें चार प्रधानमंत्री और एक राष्ट्रपति होते हैं।हर मठ मंदिर में एक महंत होते हैं। लेकिन अयोध्या में चार महंत और एक गद्दीनशीन होते हैं। इसमें उज्जैनिया, सांगरिया, बसंती और हरिद्वारी चारों प्रधानमंत्री होते हैं। इसके बाद गद्दीनशीन राष्ट्रपति होते हैं।

हनुमानगढ़ी पंचायती अखाड़े का गढ़

हनुमानगढ़ी में रामानंदी संप्रदाय के निमाणी अखाड़े के अंतर्गत वैष्णो साधु होते हैं। हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन हनुमान जी महाराज के स्वरुप माने जाते हैं। जिससे 60 साल के बाद वाले गद्दीनशीन होते हैं। मृत्यु के बाद इनका शरीर परिसर के बाहर निकलता है। इसके पहले कभी बाहर नहीं जा सकते हैं। मंदिर के अंदर पूजा पाठ और दर्शन से मतलब होता है। भगवान राम चौदह साल बाद अयोध्या लौटे थे। जिससे अयोध्या में दीपोत्सव मनाया गया था। तभी से दीपोत्सव मनाया जाता है। छोटी दीवाली के दिन हनुमान गढ़ी में उत्सव मनाया जाता है। अयोध्या में पहले हजारों की भीड़ होती थी। लेकिन राममंदिर निर्माण की बुनियाद भरने के बाद से अपार भीड़ होती है। मंदिर का निर्माण लगभग पूरा होने वाला है। जिससे अब देश के कोने-कोने से भक्त आने लगे है।