PF पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दोगुनी हो जाएगी आपकी पेंशन!

सुप्रीम कोर्ट ने पीएफ को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए पेंशन में कई गुना बढ़ोतरी का रास्ता साफ कर दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस फैसले से आम कर्मचारियों की पेंशन 100% तक बढ़ सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने ईपीएफओ पर केरल हाईकोर्ट ने फैसले को बरकरार रखा है. आपको बता दें कि केरल हाईकोर्ट ने ईपीएफओ को आदेश दिया था कि कर्मचारियों के रिटायर होने पर सभी को उनकी पूरी सैलरी के हिसाब से पेंशन मिलनी चाहिए. वहीं, मौजूदा समय में ईपीएफओ 15,000 रुपये वेतन की सीमा के साथ योगदान का आंकलन करता है.

खबर के मुताबिक इस फैसले से एक प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले की पेंशन जो सिर्फ 2,372 रुपये थी फैसले के बाद 30,592 रुपये हो गई. इसके बाद कोहली ने बाकी कर्मचारियों को इसका फायदा दिलाने के लिए मुहिम भी चलाई.

अब क्या होगा-ईपीएफओ ने इसको लागू करने में आनाकानी शुरू की. वहीं, कंपनियों को इसका फायदा देने से मना कर दिया. लेकिन, देश के कई राज्य जैसे राजस्थान, आंध्र प्रदेश, मद्रास हाईकोर्ट में इसको लेकर कई केस दाखिल हुए. सभी ने ईपीएफओ को स्कीम में शामिल करने के लिए आदेश दिया.

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया. एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि इस फैसले से अब यह मामला पूरी तरह सुलझ गया है. जिन लोगों ने 1 सितंबर 2014 के बाद काम करना शुरू किया है वे भी फुल सैलरी पर पेंशन का फायदा उठा पाएंगे.

क्या है मामला-सितंबर 2014 में ईपीएफओ ने नियम में बदलाव किया है.

>> मौजूदा समय में अधिकतम 15 हजार रुपये का 8.33% योगदान को मंजूरी मिल गई. हालांकि, इसके साथ यह नियम भी लाया गया कि अगर कोई कर्मचारी फुल सैलरी पर पेंशन लेना चाहता है तो उसकी पेंशन वाली सैलरी पिछली पांच साल की सैलरी के हिसाब से तय होगी.

> इससे पहले तक यह पिछले साल की औसत आय सैलरी पर तय हो रहा था. इससे कई कर्मचारियों की सैलरी कम हो गई.

>> इस नए नियम के बाद कई कर्मचारियों ने कोर्ट में याचिक दायर की.

>> इस पर केरल हाईकोर्ट ने 1 सितंबर 2014 को हुए बदलाव को रद्द करके पुराना सिस्टम चालू कर दिया.

>> इसके बाद पेंशन वाली सैलरी पिछले साल की औसत सैलरी पर तय होने लगी.

>> साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने ईपीएफओ से कहा कि इसका फायदा उन लोगों को भी दिया जाए जो पहले से फुल सैलरी के बेस पर पेंशन स्कीम में योगदान दे रहे थे. इस फैसले से कई कर्मचारियों को फायदा हुआ.