2024 के चुनावी समीकरण पर स्मृति ईरानी और राहुल गांधी की पैनी नजर

स्वामीनाथ शुक्ल | hdnlive
अमेठी।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की हार के बाद अमेठी (Amethi) में कांग्रेस का खाता बंद हो गया था। लेकिन जायस नगर पालिका में वापसी के बाद कांग्रेसियों को नई ऊर्जा मिल गई है। जिससे आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में अमेठी एक दफा फिर राजनीति का केंद्र बनेगा। चुनाव के एक साल पहले से राहुल गांधी और स्मृति ईरानी (Smriti Irani) आमने-सामने हैं। जिससे निकाय चुनाव के बाद लोकसभा की चुनावी हलचल चाय पान की दुकानों पर शुरू हो गई है।अमेठी के चुनाव में अखिलेश यादव भी आने के संकेत दे चुके हैं। जिससे भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। पहले सपा अमेठी रायबरेली के चुनाव से बाहर रहती थी। इस बार अखिलेश यादव अमेठी में उम्मीदवार उतारने की तैयारी में जुटे हैं। कांग्रेस अमेठी में राहुल गांधी के जीत-हार का दो बार चुनावी सर्वे करा चुकी है। कांग्रेस के चुनावी सर्वे में राहुल गांधी की जीत का आकलन आने के बाद कांग्रेसियों का मनोबल बढ़ गया है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी में राहुल गांधी को घेरने के लिए सभी दलों में सेंधमारी करने में जुटी है। बाकी जिम्मेदार कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री तक से मुलाकात करा चुकी है।

अमेठी में सपा के दो विधायक है। जिला पंचायत और गौरीगंज नगर पालिका सपा विधायक राकेश सिंह के कब्जे में थी। लेकिन जिला पंचायत और नगर पालिका दोनों पर भाजपा का कब्जा हो चुका है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी 2019 में पहली दफा अमेठी की सांसद चुनी गई थी। इसके पहले राहुल गांधी अमेठी से तीन बार सांसद बन चुके हैं। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी से हार गए थे। बाकी वायनाड से सांसद थे। लेकिन अब राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हो चुकी है। सदस्यता बहाल करने के लिए वे अदालत गए हैं। सदस्यता बहाल होने के बाद राहुल गांधी अमेठी से 2024 का लोकसभा चुनाव लडेंगे। इसके लिए कांग्रेस के जिम्मेदार अधिकारी एलान कर चुके हैं। जिससे स्मृति ईरानी अमेठी में राहुल गांधी को घेरने मेंं जुटी है। राहुल गांधी के चुनावी समर्थन में सपा साथ होती थी। लेकिन इस बार अखिलेश यादव अमेठी में चुनावी रार करने के संकेत दिए हैं।

अखिलेश यादव पिछले दिनों अमेठी आए थे। अमेठी से लौटकर जाने के बाद अखिलेश यादव ट्यूटर पेज पर लिखा था कि अमेठी में गरीब महिलाओं की दुर्दशा देखकर मन बहुत दुखी हुआ। यहां हमेशा वीआईपी जीते और हारे हैं। फिर भी यहां ऐसा हाल है तो बाकी प्रदेश का क्या कहना।अगली बार अमेठी बड़े लोगों को नहीं बड़े दिलवाले लोगों को चुनेगा।सपा अमेठी की दरिद्रता को मिटाने का संकल्प उठाती है। अखिलेश यादव का लिखा पढ़ी में बयान आने के बाद से अमेठी में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। अमेठी में सपा के चुनाव लडने से भाजपा और कांग्रेस के नफा नुकसान पर चर्चा शुरू हो गई है।सपा के चुनाव लडने पर सोनिया गांधी के प्रतिनिधि केएल शर्मा ने कहा कि अमेठी रायबरेली की जनता गांधी परिवार के साथ है। गांधी परिवार के दोनों लोकसभा क्षेत्रों में सभी दलों के वोटर कांग्रेस को वोट देते हैं।

शर्मा ने बताया कि कर्नाटक से कांग्रेस की वापसी शुरू हो चुकी है। इसके साथ अमेठी में भी कांग्रेस की वापसी हो चुकी है।जायस के साथ रायबरेली की नगर पालिका भी कांग्रेस जीत चुकी है। जबकि रायबरेली में नगर पालिका की जीत के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक जनसभा किए थे। लेकिन रायबरेली की जनता सोनिया गांधी के सम्मान में वोट करती है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अपर सचिव विजय गुप्ता ने कहा कि अमेठी लोकसभा चुनाव में भाजपा आधे से ज्यादा वोट अकेले पाएंगी। स्मृति ईरानी अमेठी को सीधे विकास से जोड़ दिया है। जनता विकास के नाम पर वोट करेंगी। राजनीति के जानकार बताते हैं कि कांग्रेस के पास संगठन नहीं है। लेकिन स्मृति ईरानी के पास बहुत मजबूत टीम है। चुनाव टीम से होता है। कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष तक भाजपा विधायक की निधि से अपने विद्यालय निर्माण में धन ले चुके हैं। फिर भाजपा का विरोध कैसे करेंगे।