SC/ST एक्ट : सवर्णों का भारत बंद, NH-31 किया जाम

SC/ST एक्ट में संशोधन कर मूल स्वरूप में बहाल करने पर सवर्णों ने आज भारत बंद बुलाया है. ये भारत बंद कई सवर्ण संगठनों द्वारा बुलाया गया है. सभी को केंद्र सरकार के इस फैसले से आपत्ति है. देश के अलग-अलग राज्यों में भारत बंद का असर दिखना शुरू हो गया है.

बिहार

बंद को लेकर बिहार में अच्छा खासा असर देखा जा रहा है. बिहार के खगड़िया में सवर्णों के समूह ने NH31 पर जाम लगा दिया है. यहां पर लोग मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. लोगों की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है उसका पालन किया जाए.

पिछली हिंसा से सबक लेते हुए प्रशासन ने इस बार कई जिलों में अलर्ट जारी कर भारी पुलिस की तैनाती किए जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं. भीड़ से निपटने के लिए आंसू गैस के गोले भी थानों में पहुंचा दिए गए हैं.

उत्तर प्रदेश

राज्य में कुल 11 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है. राजधानी लखनऊ समेत बिजनौर, इलाहाबाद, आजमगढ़, बरेली जैसे कई शहरों में पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है. ताकि किसी भी तरह के हालातों से निपटा जा सके.

मध्यप्रदेश

भारत बंद को देखते हुए मध्यप्रदेश के दस जिलों में धारा 144 लागू की गई है. मध्यप्रदेश के भिंड, ग्वालियर, मोरेना, शिवपुरी, अशोक नगर, दतिया, श्योपुर, छत्तरपुर, सागर और नरसिंहपुर में धारा 144 लागू की गई है. इस दौरान यहां पर पेट्रोल पंप, स्कूल, कॉलेज बंद रहेंगे.

बता दें कि इससे पहले एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को ‘भारत बंद’ बुलाया था, तब सबसे ज्यादा हिंसा मध्य प्रदेश के ग्वालियर और चंबल संभाग में हुई थी. इस वजह से इस बार प्रशासन ‘भारत बंद’ को देखते हुए पूरी तरह सतर्क है.

राजस्थान

राजस्थान में अगड़ी जातियों ने सड़क पर उतरने का ऐलान किया है. गुरुवार सुबह भारत बंद का असर यहां भी दिखना शुरू हुआ और जयपुर के स्कूल, कॉलेज और मॉल सब बंद नज़र आए.

राजस्थान में सर्व समाज संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जातियों को आपस में लड़ाना चाहती है, लेकिन हम इसे पूरा नहीं होने देंगे.

अमित शाह की मंत्रियों संग बैठक

दूसरी ओर, केंद्र में सत्तारुढ़ बीजेपी सवर्ण वर्ग की नाराजगी को दूर करने की कोशिशों में जुट गई है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को वरिष्ठ मंत्रियों और पार्टी नेताओं के साथ एससी/एसटी ऐक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के बाद बने हालात पर विस्तार से चर्चा की है