Eye Flu : उत्तर प्रदेश में कोरोना की तरह बहुत तेजी से बढ़ रहा आई फ्लू संक्रमण

स्वामीनाथ शुक्ल | Hdn live
लखनऊ। Eye Flu : कंजक्टिवाइटिस आई फ्लू एक संक्रमण है। नेत्र फ्लू में वायरस के कारण आंख को प्रभावित करता है।यह संक्रामक होता है। जिससे कोरोना की तरह एक से पांच तक में फ़ैल जाता है।यह रोग आंख की पारदर्शी झिल्ली की सूजन के कारण होता है। जिससे आंखें गुलाबी रंग की हो जाती है। मरीजों में वायरल और बैक्टीरियल दो प्रकार के आई फ्लू के लक्षण(Eye Flu symptoms) पाए जाते हैं। वायरल में इंफेक्शन,आंखें लाल, आंखों में सूजन, पानी आना,जलन और खुजली होती है। जबकि बैक्टीरियल में सर दर्द, आंखों में दर्द, बुखार, आंखें लाल, सफेद कीचड़ आदि के लक्षण पाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश(Eye Flu in UP) में कोरोना की तरह आई फ्लू(conjunctivitis eye flu) बहुत तेजी से बढ़ रहा है। अस्पतालों में तीन हिस्सा मरीजों की संख्या आई फ्लू की होती है। जबकि आंख के डाक्टरों की संख्या न के बराबर है। नोएडा, गाजियाबाद, रामपुर, बरेली, लखनऊ, प्रयागराज, अयोध्या, बस्ती, बलिया,कुशीनगर, अमेठी, प्रतापगढ़ , रायबरेली,बादा,बनारस आदि जिलों में आई फ्लू के मरीजों की संख्या ज़्यादा है।

आई फ्लू से निपटने के लिए बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री लखनऊ में थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भारत सरकार, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और महकमे के जिम्मेदार अफसर थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आई फ्लू से निपटने के लिए सरकार गंभीर है। मोदी और योगी सरकार राष्ट्रीय महामारी कोरोना को हरा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि सभी अस्पतालों में डाक्टर और दवा दोनों मौजूद है। घबराने की जरूरत नहीं है।इस बीमारी पर सरकार की पैनी नजर हैं। इसके अलावा जिले स्तर पर बैठकें शुरू हो गई है। अमेठी के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।25 जुलाई को 221 थी। लेकिन 26 जुलाई को 317 जोड़कर 538 हो गई है। उन्होंने बताया कि जनपद में केवल तीन आंख के डाक्टर है। बाकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आंख के डाक्टर नहीं है। लेकिन फिजिशियन भी इसका इलाज करते हैं। तीन डाक्टरों में एक ही डाक्टर ओपीडी करते हैं। बाकी दिन बांट रखा है। जिससे कहने के लिए तीन डाक्टर है।बाकी मरीजों को देखने के लिए एक ही आते हैं।

इंदिरा गांधी नेत्र चिकित्सालय के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ संदेश ने बताया कि कोरोना की तरह आई फ्लू भी एक से दूसरे में फैल जाता है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। पांच दिन में आई फ्लू ठीक हो जाता है। सावधानी के लिए काले चश्मे का इस्तेमाल करें। अभिभावक पीड़ित बच्चों को स्कूल न भेजें। वरना सभी बच्चों में वायरस फैल जाएगा। एमडी मेडिसिन डॉ नीरज वर्मा ने बताया कि बारिश के बाद उमस भरी गर्मियों में आई फ्लू होता है। लेकिन इस बार बहुत ज्यादा पैर पसार रखा है। इसमें एंटीबायटिक ड्राप और लगाने की दवा दी जाती है। दवा से ज्यादा परहेज बरतें। दो गज दूरी, चश्मा ज़रुरी के स्लोगन का पालन करें।आई फ्लू के दौरान बाहर न निकलें।

जिला अस्पताल के मनीष और अमेठी के चीफ फार्मासिस्ट जितेंद्र सिंह ने बताया कि आई फ्लू के मरीजों के लिए एंटीबायोटिक सिप्रो आई ड्रॉप और सीटीजन टैबलेट मौजूद हैं। भाजपा नेता मुन्ना सिंह ने बताया कि मऊ के अधिकांश घरों में आई फ्लू के मरीज हैं। जबकि अमरेंद्र सिंह पिंटू ने कहा कि अस्पतालों में दवा की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से पीड़ित परिवार सरकारी अस्पतालों में इलाज कराएं। झोलाछाप डॉक्टरों से बचें।