सिर्फ JPC जांच द्वारा ही अडानी महाघोटाले का उजागर हो सकता है : सुप्रिया श्रीनते

नई दिल्ली / hdnlive

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अडानी ग्रुप (modi and adani group) जुगलबंदी के बाद सामने आया महाघोटाला जिसका हिडनबर्ग (hindenburg) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने गौतम अडानी के दो अफसरों का फंड की हिस्सेदारी थी, जिसको सुप्रीम कोर्ट से छिपाया गया, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अडानी द्वारा किए गए हजारों करोड़ के महाघोटाले की जांच की जिम्मेदारी सेबी अध्यक्ष माधबी बुच को सौंपी, जिसमें मोदी सरकार के दबाव पर अडानी ग्रुप को बचाने की कोशिश की गई। हिडनबर्ग की रिपोर्ट में उठाए सवालों और अडानी ग्रुप के साथ सेबी अध्यक्षता की संलिप्तता की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग को लेकर दिल्ली प्रदेश कांगेस कमेटी कल 22 अगस्त, 2024 को सुबह जंतर मंतर पर सुबह 10 बजे से 1 बजे तक विशाल धरना प्रदर्शन करेगी। जिसमें कांग्रेस केन्द्रीय नेतृत्व वरिष्ठ नेता, दिल्ली कांग्रेस के नेता, कार्यकर्ता, सामाजिक संस्थाओं और दिल्ली के प्रभावित लोग धरने में हिस्सा लेंगे।

अमीरों का और अमीर होना और गरीबों के और गरीब होना चिंता का विषय

श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और जनप्रिय नेता श्री राहुल गांधी जी मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान देश में अमीरों का और अमीर होना और गरीबों के और गरीब होने पर चिंतित है। देश में अमीरों और गरीबों के बीच की खाई लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि जब देश की, देश की सम्पति उसकी सुरक्षा को जिसके हाथों में जनता सौंपती है, जब वही भेड़िया बनकर उसको खाने की भूमिका निभाऐगा तो देश को कौन बचाऐगा। हिडनबर्ग की रिपोर्ट, अडानी ग्रुप की गतिविधियों की सेबी की जांच, सुप्रीम कोर्ट की निगरानी और अडानी को भरपूर समर्थन देने सहित पोषित करने की भूमिका मोदी जी निभा रहे है। उन्होंने कहा कि अडानी के महाघोटाले को देशवासियों तक पहुॅचाने के लिए कांग्रेस पार्टी सड़क से संसद लड़ाई लड़ेगी।

सेबी अध्यक्षा माधबी बुच की भूमिका पर प्रश्न चिन्ह

सोशल मीडिया एवं डिजिटल प्लेटफार्म विभाग की चेयरपर्सन श्रीमती सुप्रिया श्रीनते ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अडानी महाघोटाले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सेबी द्वारा जांच के बाद सेबी अध्यक्षा माधबी बुच की भूमिका पर प्रश्न चिन्ह लग गया है जिसमें अडानी को मोदी जी के संरक्षण में बचाने की कोशिश की गई है। अडानी के महाघोटाले की परत दर पर खुलने पर मोदी सरकार का भ्रष्टाचार देशवासियों के सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि अडानी को फायदा पहुॅचाने के लिए मोदी जी सीबीआई, ईडी सहित अन्य सरकारी एजेंसियों का इतनी सफाई से इस्तेमाल कर रहे है कि शेयर बाजार सहित देश के पोर्ट, एयरपोर्ट, बिजली संस्थान सहित देश का पूरे बिजनेस अडानी को दिया जा रहा है, अगर कोई अन्य प्रतियोगी अडानी के समक्ष आता है तो मोदी सरकार की सरकार जांच एजेंसी अडानी के लिए उनपर छापेमारी करना शुरु कर देती है। मोदी सरकार अडानी ग्रुप पर पूरी तरह मेहरबान है।

मोदी सरकार की विदेश नीति अडानी के व्यापार को बढ़ावा देने है

श्रीमती श्रीनते ने कहा कि मोदी जी के विदेशी दौरे और सरकार की विदेश नीति सब कुछ अडानी जी के लिए हो चुका है। मोदी जी के दौरे के बाद श्रीलंका में अडानी ग्रीन एनर्जी पावर परचेज एग्रीमेंट 20 साल के लिए 367 करोड़ निवेश करेगी। बंगलादेश में अडानी ग्रुप इलेक्ट्रो पावर का एग्रीमेंट मिला और इसी तरह इजरायल में प्रधानमंत्री दौरे के बाद अडानी को बिजनेस मिला। मतलब मोदी सरकार की विदेश नीति अडानी के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए चल रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार अडानी को व्यापार बढ़ाने के लिए सभी हदें पार कर रही है। आज दो रुपये की चीज 20 रुपये में मिल रही है। उन्होंने कहा कि अब सवाल उठता है जिसकी रक्षा और सुरक्षा खुद प्रधानमंत्री मोदी जी कर रहे है उसकी जांच कौन करेगा।

माधबी बुच को सेबी अध्यक्ष पद से तुरंत इस्तीफा देना चाहिए

श्रीमती सुप्रिया श्रीनते ने कहा कि हिडनबर्ग की रिपोर्ट में हजारों करोड़ के अडानी महाघोटाले की जांच कर रही सेबी अध्यक्ष माधबी बुच जिन कम्पनियां में अडानी के खिलाफ जांच कर रही है, उन कम्पनियों में माधबी बुच और उनके पति धवल बुच की राशि लगी है और धवल बुच कम्पनियों के एडवाईजर भी है। उन्होंने कहा कि माधबी बुच को सेबी अध्यक्ष पद से तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। निवेशकों के हजारों करोड़ के नुकसान का हर्जाना कौन भरेगा, क्योंकि माधबी बुच ने सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में नही लाया कि कम्पनियों में उनकी भी हिस्सेदारी है जिनकी वो जांच कर रही है। आज सवाल उठता है कि मोदी जी आखिर कब तक अडानी को बचाऐंगे।

जेपीसी जांच दलगत राजनीति से ऊपर उठकर होती है

श्रीमती श्रीनते ने कहा कि सेबी की जांच की रिपोर्ट को दोबारा खंगालने की जरूरत है, क्योंकि सेबी अध्यक्ष ने जांच में सुप्रीम कोर्ट को अंधेरे में रखा गया है। अडानी महाघोटाले में मोदी नीति को जेपीसी गठित करके उजागर किया जा सकता है, क्योंकि जेपीसी जांच दलगत राजनीति से ऊपर उठकर होती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अडानी महाघोटाले में जेपीसी जांच से क्यों भाग रही है। संसद में इस महाघोटाले की जांच के लिए तुरंत जेपीसी का गठन हो ताकि अडानी ग्रुप से हुए हजारों करोड़ का घोटाला उजागर होकर जनता के सामने आए।