Civil Defence Volunteers : दिल्ली सरकार 10 हजार कर्मचारियों को बर्खास्त करने की कर रही है तैयारी

नई दिल्ली (hdnlive) : बकाया वेतन के लिए इन दिनों सड़क पर आंदोलन कर रहे सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स (Civil Defence Volunteers)(CDS) को बड़ा झटका लग सकता है। 10 हजार से अधिक इन सीडीवी (CDS) को इस महीने के अंत में बर्खास्त किया जा सकता है। सीडीवी की नियुक्तियों पर विरोधी राजनीतिक दल लगातार दिल्ली सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं। अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Cm arvind kejriwal) ने खुद ही नियुक्ति प्रक्रिया की खामियों को देखते हुए इन्हें बर्खास्त करने की सिफारिश की है। इसके साथ ही इन वॉलंटियर्स को अप्रैल से वेतन न मिलने पर निराशा जताते हुए वेतन में देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कड़े एक्शन की सिफारिश की है। हालांकि दिल्ली सरकार ने इस तरह की सिफारिश करने से इनकार किया है।

नियुक्तियों को अवैध मानते हुए उनका वेतन रोक
कथित तौर पर संवेदनशील पदों पर सीडीवी की नियुक्तियों को अवैध मानते हुए उनका वेतन रोक दिया गया था।
ये आरोप है कि सिविल डिफेंस एक्ट के तहत जो कार्य इनसे लिया जाना चाहिए, उससे इतर ये कार्य कर रहे थे।
अब त्योहारों के बीच उनकी नौकरी जा सकती है। कायदे से सीडीवी का प्राथमिक उद्देश्य आपदाओं के समय इमरजेंसी सेवाओं को सपोर्ट करना होता है लेकिन इन्हें कई ऐसी जगहों पर तैनात किया गया, जहां तैनाती के लिए ये योग्य नहीं थे।
इनमें रेवेन्यू डिपार्टमेंट के सब रजिस्ट्रार ऑफस से लेकर डीटीसी बसों में मार्शल और रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ जैसे अभियान शामिल हैं।
10 हजार 700 में से साढ़े आठ हजार सीडीवी को ट्रांसपोर्ट विभाग के जरिए बसों में मार्शल के रूप में तैनात किया गया था।
सीडीवी के वेतन पर सालाना 400 करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा था। इनमें से 280 करोड़ रुपये का भुगतान बस मार्शलों के वेतन पर हो रहा था।
गरीब परिवारों से हैं वॉलंटियर्स
मुख्यमंत्री ने अपनी सिफारिश में कहा है कि सीडीवी के मामले में सही कानूनी स्थिति का पता लगाया जाए तब तक सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को अक्टूबर के अंत में बर्खास्त किया जा सकता है। हालांकि इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा है कि ये वॉलंटियर्स गरीब परिवारों से आते हैं और इन्हें पैसे की जरूरत है इसलिए ये लोग अस्थायी नौकरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन वॉलंटियर्स का वेतन रोकने वाले अफसरों के खिलाफ भी कड़ा एक्शन लेने की सिफारिश की है।