लॉकडाउनः बिहार की ज्योति की इवांका हुईं मुरीद, लेकिन हो गईं ट्रोल

भारत में लॉकडाउन लगे होने के कारण 15 साल की एक लड़की को घर पहुंचने के लिए 1200 किलोमीटर तक साइकल चलानी पड़ी। अब उसके इस जज्बे को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी ने भी सलाम किया है और उसका ट्रेनी के लिए ट्रायल कराने की साइक्लिंग फेडरेशन की पहल की भी तारीफ की है। लेकिन ट्विटर पर ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने इस लड़की को हुई तकलीफ का जिक्र न करने पर इवांका को ट्रोल कर दिया।

इवांका ने ट्वीट किया, ’15 साल की ज्योति कुमारी अपने घायल पिता साइकल पर बिठाकर घर पहुंचाया। इसके लिए उसने सात दिनों में 1200 किलोमीटर की यात्रा तय की। इस सहनशीलता और प्यार ने भारत के लोगों और साइक्लिंग फेडरेशन का ध्यान अपनी तरफ खींचा है।’ पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्योति के पिता मोहन पासवान गुड़गांव में ऑटो चलाते थे और वह चोटिल हो गए थे जिस वजह से उनके पास आय का कोई साधन नहीं रहा। उन्हें ऑटो, मालिक को लौटाना पड़ा। इसके बाद पिता और बेटी ने एक साइकल खरीदी और फिर गुड़गांव से 10 मई को बिहार स्थित अपने गांव के लिए रवाना हुए और 16 मई को वे घर पहुंच गए।

darbhanga daughter

इवांका ने ज्योति को लेकर जाहिर की और उधर ट्विटर पर उन्हें जवाब देने वालों की लाइन लग गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने लिखा, ‘य़ह उत्कृष्टता का जौहर नहीं है। यह आपके दोस्त और होस्ट नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के निर्दयी व्यवहार की वजह से पैदा हुई निराशा का जौहार है।’

एलिंडा मैरी जैन नाम की एक महिला ने लिखा, ‘महामारी के वक्त गरीबी और तकलीफ में रोमांच देखना। निष्ठुरता की हद है।’ विनय कुमार दोकानिया लिखते हैं, ‘राज्य द्वारा पैदा की गई इस तकलीफ और दशा का जश्न मनाना शर्मनाक है। लेकिन हम इस दुनिया के ट्रंप से क्या उम्मीद कर सकते हैं।’

कौस्तुभ लिखते हैं, ‘इसमें क्या खूबसूरती है इवांका? आपको किसी की लाचारी नहीं दिखती। य़ह मोदी सरकार की विफलता है।’ हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी थे जो ज्योति के साहस की तारीफ करने पर इवांका के साथ खड़े दिखे। प्रीति खत्री ने लिखा, ‘देखिए वह इस लड़की के साहस और पिता के प्रति उसके प्यार की तारीफ कर रही हैं। हम क्यों न इस लड़की की सराहना करें।’